राजनांदगांव, 11 जून। Illegal Sand Mining : संत कबीर की जयंती पर भजन-कीर्तन में डूबा मोहड़ गांव बुधवार देर शाम तब सन्नाटा और चीख-पुकार के बीच फंस गया, जब शिवनाथ नदी किनारे अवैध रेत उत्खनन रोकने पहुंचे युवकों पर कट्टे से फायर झड़ गया। गोली ग्रामवासी रौशन मंडावी की गर्दन को छूकर निकल गई, जबकि दो अन्य साथी भी मारपीट में घायल हुए।
घटनाक्रम: मिनट-दर-मिनट
शाम क़रीब 7 बजे — नदी किनारे जेसीबी से अवैध रेत उत्खनन; ग्रामीणों ने विरोध कर पूछताछ शुरू की।
विवाद बढ़ा — एक तस्कर ने देशी कट्टा लहराया, अचानक फायर कर दिया।
हमलावर फ़रार — गोली मारते ही आरोपी भाग निकला; ग्रामीणों ने जेसीबी, डंपर चालक और अन्य लोगों को घेरकर बंधक बना (Illegal Sand Mining)लिया।
जनप्रतिनिधि पर उंगली — भीड़ ने स्थानीय पार्षद संजय रजक को उत्खनन साठगांठ का दोषी ठहराते हुए पकड़ा।
पुलिस पहुँची — बल के साथ आई पुलिस ने पार्षद व आरोपितों को हिरासत में लिया, पर वापसी में ग्रामीणों ने वाहन रोक दिया; घायल युवक की माँ जीप के आगे लेट गई।
मुठभेड़ की कगार — “हमलावर को तुरंत बुलाओ या छोड़ो मत” के नारों के बीच तनाव; गाँव में भारी पुलिस तैनात।
क्यों फूटा ये बारूद
सालों से जारी अवैध रेत उत्खनन: स्थानीय नदी-चरई की लूट पर अब तक कई शिकायतें, पर धरातल पर सख़्त कार्रवाई नहीं।
बाहरी नेटवर्क का दख़ल: हालिया महीनों में कथित तौर पर रायपुर से जुड़े कारोबारी दल सक्रिय — प्रति रात लाखों की रेत खनन का (Illegal Sand Mining)अनुमान।
पहली बार गोलियाँ चलीं: चोरी-छिपे खनन अक्सर लाठियों-हथियारों तक सीमित था; मगर यह पहली गोलीबारी ग्रामीणों में दहशत, प्रशासन पर दबाव दोनों बढ़ाती है।
प्रशासन की अगली चाल
अपराध पंजीबद्ध, मुख्य हमलावर की तलाश के लिए विशेष टीम गठित।
रेतपट्टे की वैधता और मशीनों की जब्ती पर आदेश तैयार।
गाँव में पुलिस कैंप स्थापित; नदी किनारे अस्थायी चौकी प्रस्तावित।
ग्रामीणों की मांग: “पहले गिरफ़्तारी, फिर वाहन हटेगा।”
पुलिस आश्वासन: “24 घंटे के भीतर मुख्य आरोपी पकड़ा जाएगा; दोषियों पर कठोर धाराएँ।”
व्यापक असर
सामाजिक: उत्सव के दिन हुई हिंसा ने ग्रामीण-समुदाय का भरोसा हिला दिया।
पर्यावरण: बेधड़क रेत चोरी से नदी तल घुटता, तट कटान (Illegal Sand Mining)तेज़।
क़ानून-व्यवस्था: अवैध माफ़िया अब संगठित अपराध के स्तर पर — गोलीबारी इसका खुला संकेत।