सीजी भास्कर 18 दिसम्बर लखनऊ में भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच चौथा टी20 मुकाबला घने कोहरे के कारण रद्द होने के बाद क्रिकेट शेड्यूलिंग पर नई बहस छिड़ गई है। दृश्यता इतनी कम थी कि मैदान पर खेल संभव नहीं रहा। इस स्थिति ने IND vs SA T20 Fog Controversy को राष्ट्रीय चर्चा का विषय बना दिया।
AQI ने उठाए सवाल
मैच रद्द होने के बाद वायु गुणवत्ता को लेकर तीखी प्रतिक्रिया सामने आई। उत्तर भारत के कई शहरों में AQI 400 के पार पहुंचने और कोहरे के कारण दृश्यता प्रभावित होने की बात कही गई। इसी संदर्भ में यह सवाल उठा कि क्या सर्दियों में उत्तर भारत में अंतरराष्ट्रीय मैच तय करना व्यावहारिक है—यह बहस Air Pollution Cricket India से जुड़ गई।
संसद परिसर में दिलचस्प संवाद
संसद परिसर में मीडिया से बातचीत के दौरान सर्दियों के शेड्यूल पर हल्के-फुल्के अंदाज में चर्चा हुई। सुझाव आया कि जनवरी के आसपास के मैचों को दक्षिण भारत में आयोजित किया जाए, जहां कोहरे की समस्या कम रहती है। जवाब में यह भी कहा गया कि शेड्यूलिंग पर ध्यान देना पड़ेगा और रोटेशन नीति को देखते हुए संतुलन बनाना होगा—यह संकेत Winter Match Scheduling India के पुनर्विचार की ओर इशारा करता है।
‘गेंद दिखे, तभी खेल हो’
दक्षिण भारत के मैदानों की जलवायु का हवाला देते हुए कहा गया कि सर्दियों में वहां दृश्यता बेहतर रहती है और प्रदूषण का असर कम होता है। तर्क साफ था—जब गेंद ही नजर न आए, तो खेल कैसे होगा? इस सोच ने South India Cricket Venues को सर्दियों के विकल्प के रूप में फिर से चर्चा में ला दिया।
रोटेशन नीति बनाम मौसम
हालांकि यह भी स्पष्ट किया गया कि सभी मुकाबले एक ही क्षेत्र को नहीं दिए जा सकते। रोटेशन नीति पहले से लागू है और उसी ढांचे में बदलाव पर विचार संभव है। 15 दिसंबर से 15 जनवरी के बीच होने वाले मैचों को दक्षिण या पश्चिम भारत में शिफ्ट करने की संभावना पर समीक्षा की बात कही गई—यानी Winter Match Scheduling India अब एजेंडे पर है।
कोहरे और प्रदूषण के कारण मैच रद्द होने से फैंस निराश हुए हैं। अब निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि आने वाले सीजन में शेड्यूल किस तरह तैयार होता है, ताकि मौसम और खेल—दोनों का संतुलन बना रहे। IND vs SA T20 Fog Controversy ने यह साफ कर दिया है कि शेड्यूलिंग में जलवायु को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।


