सीजी भास्कर, 24 अक्टूबर। भारतीय सेना ने अग्निवीर योजना को लेकर चल रही चर्चाओं पर विराम लगाते हुए स्पष्ट किया है कि फिलहाल भर्ती या स्थाई नियुक्ति (Indian Army Clarification) की व्यवस्था में किसी तरह का बदलाव नहीं किया जा रहा है। सेना ने कहा कि मौजूदा नियमों के अनुसार अग्निवीरों में से 25 प्रतिशत जवानों को ही स्थाई सैनिक के रूप में नियुक्त किया जाएगा, और इस सीमा को बढ़ाने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
सेना ने इस विषय पर चल रही खबरों को काल्पनिक और भ्रामक बताया है। शुक्रवार को जारी अपने आधिकारिक बयान में सेना ने कहा कि अग्निवीरों की स्थाई नियुक्ति (Indian Army Clarification) का कोटा बढ़ाने का मामला जैसलमेर में शुरू हुए सैन्य कमांडर सम्मेलन के एजेंडे में शामिल नहीं है। सेना ने स्पष्ट किया कि 25 से 75 प्रतिशत तक स्थाई भर्ती बढ़ाने की खबरें पूरी तरह निराधार हैं और इन पर किसी भी स्तर पर चर्चा नहीं की जा रही।
सेना प्रवक्ता के अनुसार, अग्निवीर योजना के तहत अब तक किसी भी संरचनात्मक बदलाव की आवश्यकता महसूस नहीं की गई है। यह योजना अपने मूल स्वरूप में ही लागू रहेगी। उन्होंने कहा कि “सेना में भर्ती और स्थाई चयन की मौजूदा प्रक्रिया पारदर्शी और चरणबद्ध है, इसमें बदलाव की कोई गुंजाइश नहीं है।”
गौरतलब है कि अग्निवीर भर्ती योजना वर्ष 2022 में लागू की गई थी। इस योजना के तहत चयनित युवाओं को चार साल की सेवा अवधि के लिए भर्ती किया जाता है, जिसके बाद प्रदर्शन और निर्धारित मानकों के आधार पर 25 प्रतिशत अग्निवीरों को नियमित सैनिक (Indian Army Clarification) के रूप में रखा जाता है। शेष 75 प्रतिशत को सेवा समाप्ति के बाद एकमुश्त वित्तीय सहायता और अन्य लाभ प्रदान किए जाते हैं।
सेना ने यह भी दोहराया कि जिन अग्निवीरों का स्थाई चयन नहीं होगा, उन्हें केंद्रीय अर्धसैनिक बलों (CAPFs) में नियुक्ति में प्राथमिकता दी जाएगी। इसके अलावा, कई राज्य सरकारों और सार्वजनिक उपक्रमों ने भी अग्निवीरों को रोजगार के अवसर देने की घोषणा की है, जिससे उन्हें नागरिक क्षेत्र में नए करियर विकल्प मिल सकें।
