सीजी भास्कर 4 जुलाई साल 2025 में दुनिया की सबसे ज़्यादा बिकने वाली शराब का ताज एक भारतीय व्हिस्की ब्रांड ने अपने नाम कर लिया है. महंगी विदेशी ब्रांड्स को पछाड़ते हुए इस देसी व्हिस्की ने बिक्री के मामले में सबको पीछे छोड़ दिया है. हैरानी की बात ये है कि इसकी कीमत भी हजार से कम है.
McDowells No. 1 व्हिस्की ने दुनियाभर में सबसे ज्यादा बिकने वाली शराब का खिताब हासिल किया है. ग्लोबल डेटा फर्म “Drinks International” की रिपोर्ट के मुताबिक, McDowells No. 1 ने 2025 में 30.1 मिलियन केस की बिक्री के साथ पहला स्थान पाया है.इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर भी एक भारतीय ब्रांड है Imperial Blue, जिसकी बिक्री 28.7 मिलियन केस रही. वहीं Royal Stag तीसरे नंबर पर और Officers Choice चौथे स्थान पर रहा.
इस रिपोर्ट से साफ है कि भारतीय शराब ब्रांड्स अब न केवल घरेलू बाजार में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी राज कर रहे हैं और वह भी बेहद किफायती दामों पर. ₹680 में मिलने वाली McDowells No. 1 अब सिर्फ एक शराब नहीं, बल्कि भारतीय ब्रांड की वैश्विक पहचान बन गई है.भारत की बिक्री में नंबर वन व्हिस्की मैकडॉवेल्स व्हिस्की है, जिसकी कीमत भी बहुत ‘कम’ है. यही कीमत इस व्हिस्की को बहुत पसंद करने की मुख्य वजह है. दिल्ली में जहां इस व्हिस्की की कीमत 750 मिली लीटर के लिए 400 रुपये है, वहीं मुंबई में इसकी कीमत सिर्फ 680 रुपये है और इसी वजह से इसे पार्टियों में पसंद किया जाता है.क्या है बाकि व्हिस्की की कीमतइस ‘सस्ते’ मूल्य निर्धारण के कई कारणों में से एक यह है कि ब्रांड आयातित स्कॉच व्हिस्की के साथ कई भारतीय अनाज और माल्ट के मिश्रण का उपयोग करता है.
लेकिन, यह एकमात्र शराब ब्रांड नहीं है जिसकी कीमत कम है, कुछ अन्य भी हैं. इस श्रेणी में मूल्य वाली कुछ लोकप्रिय व्हिस्की में इंपीरियल ब्लू सुपीरियर ग्रेन (750 मिली के लिए 640 रुपये), रॉयल स्टैग डीलक्स (750 मिली के लिए 780 रुपये), बैगपाइपर डीलक्स (750 मिली के लिए 550 रुपये) आदि शामिल हैं.बढ़ रहा है व्हिस्की का बाजारवर्ष 2023-24 के दौरान, भारत के व्हिस्की बाजार में जबरदस्त वृद्धि हुई है.
बताया जाता है कि भारत में बढ़ती उपभोक्ताओं की मांग, प्रीमियमाइजेशन के रुझान और बढ़ते मध्यम वर्ग के कारण व्हिस्की का बाजार तेजी से बढ़ा है. तभी तो बाजार में घरेलू और आयातित व्हिस्की की बिक्री में वृद्धि देखी गई है. देखा जाए तो इस समय भारत विश्व स्तर पर व्हिस्की के सबसे बड़े उपभोक्ताओं में से एक बन गया है.