सीजी भास्कार 13 नवम्बर इंदौर। इंदौर में अब 15 साल से पुरानी बसें सड़कों पर नहीं दौड़ेंगी। हाल ही में एक यात्रा के दौरान हुई महिला से छेड़छाड़ की घटना के बाद प्रशासन ने Indore Old Bus Ban का आदेश जारी किया है। कलेक्टर शिवम वर्मा ने बस ऑपरेटरों की बैठक में साफ कहा कि शहर में यात्रियों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं होगा।
आरटीओ अब 15 साल पूरे होने से पहले ही नोटिस जारी करेगा और ऐसे वाहनों को फिटनेस या परमिट (Vehicle Fitness) नहीं दिया जाएगा।
बसों में होंगे Panic Button और GPS जैसे फीचर्स
सुरक्षा को पुख्ता करने के लिए हर बस में panic button , GPS ट्रैकर, पर्याप्त लाइटिंग और CCTV लगाना अनिवार्य होगा। ड्राइवर व कंडक्टर के लिए यूनिफॉर्म पहनना ज़रूरी रहेगा।
कलेक्टर ने यह भी कहा कि किसी भी कर्मचारी द्वारा नशे की हालत में बस चलाने या यात्रियों से दुर्व्यवहार करने पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी।
यात्रियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता
कलेक्टर ने बैठक में कहा कि बसों में महिलाओं, बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए सम्मानजनक माहौल होना चाहिए।
उन्होंने निर्देश दिया कि यात्रियों को बस में किसी तरह की insecurity महसूस नहीं होनी चाहिए। हर बस ऑपरेटर को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनकी गाड़ी पूरी तरह से सुरक्षित और अनुशासित तरीके से चले।
महिलाओं और दिव्यांगों के लिए आरक्षित सीटें अनिवार्य
नई गाइडलाइन के अनुसार, सीट नंबर 11 से 16 तक महिलाओं के लिए और दरवाज़े के पास की दो सीटें दिव्यांगों के लिए आरक्षित रहेंगी।
इसके अलावा, ड्राइवर के पीछे वाली सीट नवजात शिशु की मां के लिए रखी जाएगी, जिसे तीन ओर से पर्दों से ढका जाएगा ताकि उन्हें गोपनीयता और आराम मिल सके।
हर बस में अनिवार्य होंगे अग्निशमन यंत्र और बीमा डिटेल्स
प्रत्येक बस में दोनों ओर fire extinguisher लगाना जरूरी होगा। बस के विंडस्क्रीन पर फिटनेस, बीमा और परमिट की जानकारी लाल रंग से अंकित करना भी अनिवार्य होगा।
कलेक्टर ने चेतावनी दी है कि इन नियमों की अनदेखी पर बस ऑपरेटरों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
बस स्टॉप के सर्वे का भी हुआ ऐलान
बैठक में बस ऑपरेटरों ने शहर के भीड़भाड़ वाले इलाकों जैसे एमवाय, मूसाखेड़ी, तेजाजी नगर और तीन इमली में नए बस स्टॉप बनाए जाने की मांग रखी।
कलेक्टर ने प्रस्ताव स्वीकार करते हुए कहा कि जल्द ही इन स्थानों का सर्वे कराया जाएगा ताकि यात्रियों को बेहतर सुविधा मिले और ट्रैफिक दबाव कम किया जा सके।
इंदौर मॉडल बनेगा ट्रांसपोर्ट सेफ्टी का उदाहरण
प्रशासन का कहना है कि इस निर्णय से इंदौर में बसों का संचालन अधिक सुरक्षित, अनुशासित और पारदर्शी बनेगा।
पुरानी बसों की जगह अब आधुनिक और सुरक्षित बसें सड़कों पर चलेंगी, जिससे यात्रियों का भरोसा और शहर की छवि दोनों मजबूत होंगे।
