सीजी भास्कर14 अक्टूबर हरियाणा के (IPS Puran Kumar Suicide Case) में अब राजनीति और भावनाओं दोनों का मिश्रण दिखने लगा है। मंगलवार को राहुल गांधी अचानक चंडीगढ़ पहुंचे और स्वर्गीय आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार के परिवार से मुलाकात की। परिवार से मिलकर उन्होंने कहा, “यह सिर्फ एक अधिकारी की मौत नहीं, बल्कि उस मानसिक और सामाजिक जहर की निशानी है, जो हमारे सिस्टम में गहराता जा रहा है।”
राहुल गांधी की यह मुलाकात न केवल परिवार के लिए संवेदना का क्षण थी, बल्कि जांच एजेंसियों के लिए भी एक pressure point बन गई है।
राहुल गांधी की मुलाकात के बाद बढ़ी जांच पर निगरानी
इस मुलाकात के तुरंत बाद प्रशासनिक हलकों में हलचल तेज हो गई है। सूत्रों के अनुसार, से जुड़े अधिकारियों को कहा गया है कि जांच पूरी पारदर्शिता से हो। वहीं, विपक्ष ने भी राहुल गांधी की इस यात्रा को “जन-संवेदना की राजनीति” बताया है।
हालांकि, सूत्र बताते हैं कि राहुल गांधी की मुलाकात का सीधा असर जांच टीम के कामकाज पर पड़ेगा।
SIT अब अधिकारी के निजी डेटा और डिजिटल फुटप्रिंट पर ज्यादा फोकस कर रही है।
SIT को चाहिए वाई पूरन का लैपटॉप, अहम सबूतों की तलाश
( IPS laptop investigation) अब इस केस का सबसे चर्चित हिस्सा बन गया है। SIT ने वाई पूरन कुमार की पत्नी, आईएएस अधिकारी अमनीत पी. कुमार को नोटिस जारी कर उनके पति का लैपटॉप मांगा है। टीम का मानना है कि उसी लैपटॉप में उस कथित सुसाइड नोट का digital draft हो सकता है, जिसने पूरे मामले की दिशा बदल दी।
एक वरिष्ठ जांच अधिकारी के अनुसार, “लैपटॉप में कुछ ईमेल्स और फाइल्स हैं जिनसे यह स्पष्ट हो सकता है कि आख़िरी दिनों में अधिकारी किस मानसिक स्थिति से गुजर रहे थे।”
हरियाणा पुलिस में बड़े बदलाव – DGP छुट्टी पर, SP का तबादला
(DGP suspension Haryana) – सरकार ने मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए बड़ा कदम उठाया है। हरियाणा के पुलिस महानिदेशक को छुट्टी पर भेज दिया गया है, जबकि रोहतक के एसपी का तबादला कर दिया गया है।
यह फैसला उस वक्त आया जब अधिकारी के परिवार ने साफ कहा कि “अगर न्याय नहीं मिला, तो हम आवाज़ ऊँची करेंगे।”
यह प्रशासनिक एक्शन बताता है कि केस अब सिर्फ “आत्महत्या” नहीं माना जा रहा, बल्कि इसके पीछे किसी गहरी साजिश की जांच चल रही है।
‘व्यवस्था के खिलाफ एक आवाज़ थी वाई पूरन कुमार’: राहुल गांधी का बयान
कहा—“एक ईमानदार अफसर को सिस्टम ने तोड़ा, यह आत्महत्या नहीं, एक साइलेंट प्रोटेस्ट था।”
राहुल गांधी ने परिवार से मिलते हुए कहा कि (systemic injustice) के खिलाफ बोलने वालों को अक्सर निशाना बनाया जाता है। उन्होंने कहा, “वाई पूरन कुमार सिर्फ एक अधिकारी नहीं थे, वो उस आवाज़ का प्रतीक थे जो अंदर से टूट चुकी व्यवस्था के खिलाफ उठी थी।”
उनकी इस बात ने सोशल मीडिया पर भी नई बहस छेड़ दी है — क्या यह आत्महत्या थी या दबाव में की गई ‘मौन हत्या’?
आगे क्या? जांच की दिशा तय करेगी न्याय की परिभाषा
अब पूरा देश देख रहा है कि (IPS suicide investigation outcome) किस दिशा में जाती है। SIT ने वादा किया है कि कोई भी सबूत अनदेखा नहीं किया जाएगा।
परिवार ने भरोसा जताया है कि अगर सच सामने लाया गया, तो वाई पूरन कुमार जैसे ईमानदार अफसरों की आत्मा को सुकून मिलेगा।