24 जून 2025 :
Mahoba News: ईरान और इजरायल के बीच जारी युद्ध ने पूरी दुनिया की नजरें खींची हैं. ऐसे में ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई चर्चा में हैं, जिनके मार्गदर्शक (गुरु) रहे ईरान में इस्लामिक क्रांति के जनक अयातुल्ला रूहोल्लाह खुमैनी का रिश्ता उत्तर प्रदेश के महोबा जिले के चरखारी कस्बे से जुड़ा है.
आज भी खुमैनी के चाचा जात परिवार की सातवीं पीढ़ी आज भी चरखारी के मोहल्ला तुर्कियाना स्थित गोलाघाट में निवास करती है. हाल ही में हुईं ईरान-इजरायल की जंग के बीच इस परिवार के सदस्य ने मीडिया से बात कर पूरी कहानी के बारे में बताया है.
क्या बोला खुमैनी का परिवार
परिवार के सदस्य सैयद अली फरहान काजमी बताते हैं कि उनके पूर्वज बाराबंकी के किंतुर गांव से आकर चरखारी में बसे थे. 1830 में उनके चाच जात दादा सैय्यद अहमद हुसैन मुसवी हिन्दी ईरान के खुमैन शहर में हजरत अली के रोजे की ज़ियारत के लिए गए और वहीं बस गए. उन्होंने अपने नाम के साथ ‘हिन्दी’ शब्द जोड़कर भारत से रिश्ते को हमेशा जीवित रखा. उन्हीं के वंशज और पोते रूहोल्लाह खुमैनी का जन्म 1902 में खुमैन में हुआ था. वहीं 1979 में खुमैनी ने ईरान में इस्लामिक क्रांति का नेतृत्व कर शाह रजा पहलवी की सत्ता को उखाड़ फेंका और ईरान को इस्लामी गणराज्य में बदल दिया. उनके प्रिय शिष्य अयातुल्ला अली खामेनेई ने 1989 में उनकी मृत्यु के बाद ईरान की सर्वोच्च सत्ता संभाली और आज ईरान के सुप्रीम लीडर है.
फरहान काजमी कहते हैं कि खामेनेई आज भी अपने गुरु यानि हमारे पूर्वज खुमैनी की नसीहतों पर चलकर ईरान की हिफाजत कर रहे हैं और इजरायल को मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं. उनका मानना है कि अमेरिका और इजरायल ईरान के परमाणु कार्यक्रम को रोकने की साजिश कर रहे हैं, जैसे कभी भारत के साथ भी किया गया था. उन्होंने कहा कि ईरान का जवाब संतोषजनक है और वह सही दिशा में आगे बढ़ रहा है. उन्होंने ईरान के मौजूदा हालातों से हमदर्दी जताते हुए युद्ध को लेकर चिंता भी जताई है वहीं कहा कि उनके चचा जात दादा की बताई रूहोल्लाह खुमैनी की नसीहतों पर अमल कर खामेनेई इजरायल को मुंह तोड़ जवाब दें रहे है.