सीजी भास्कर, 18 दिसंबर | Kanker Burial Dispute News : छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के आमाबेड़ा क्षेत्र स्थित बड़े तेवड़ा गांव में शव दफनाने को लेकर विवाद ने हिंसक रूप ले लिया। गांव की सामाजिक व्यवस्था और धार्मिक आस्थाओं के टकराव ने ऐसा माहौल बनाया कि देखते ही देखते दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए। झड़प में एक दर्जन से ज्यादा ग्रामीण घायल हुए, वहीं स्थिति संभालने पहुंचे पुलिसकर्मियों को भी चोटें आईं।
मौत के बाद शुरू हुआ विवाद
विवाद की जड़ उस समय सामने आई, जब गांव के सरपंच रजमन सलाम के पिता चमरा राम का निधन हुआ। परिजनों ने शव को गांव की सीमा में ही दफना दिया। बताया गया कि सरपंच का परिवार धर्मांतरित है, जबकि गांव में वर्षों से अंतिम संस्कार को लेकर अलग-अलग सामाजिक परंपराएं चली आ रही हैं। इसी बात को लेकर आदिवासी समाज में असंतोष पनपने लगा।
दो दिन से चल रहा था विरोध
ग्रामीणों का कहना है कि दफन की प्रक्रिया गांव की सहमति के बिना की गई। इसी मांग को लेकर पिछले दो दिनों से प्रदर्शन चल रहा था। मंगलवार सुबह मामला उस वक्त बिगड़ गया, जब ग्रामीण दफन स्थल पर पहुंचकर शव को बाहर निकालने की कोशिश करने लगे। इसी दौरान धर्मांतरित समाज के लोगों से उनकी तीखी झड़प हो गई।
लाठी-डंडों तक पहुंचा मामला
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, पहले कहासुनी हुई, फिर धक्का-मुक्की और उसके बाद लाठी-डंडे चलने लगे। अफरा-तफरी में कई लोग घायल हो गए। हालात काबू में करने की कोशिश में पुलिसकर्मी भी चोटिल हुए। घायलों को तत्काल आमाबेड़ा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां उनका इलाज जारी है।
गांव सील, बाहरी एंट्री बंद
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने पूरे गांव को सील कर दिया है। बाहरी लोगों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है। दोनों पक्षों को अलग-अलग इलाकों में रखा गया है ताकि टकराव दोबारा न हो। पूरे गांव में पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है और लगातार गश्त की जा रही है।
परंपरा बनाम धार्मिक अधिकार
आदिवासी समाज का कहना है कि गांव में अंतिम संस्कार को लेकर स्पष्ट सामाजिक नियम और परंपराएं हैं, जिनका इस मामले में पालन नहीं हुआ। उनका आरोप है कि गांव के सरपंच ने पद का दुरुपयोग करते हुए मनमानी की। वहीं, धर्मांतरित समाज का तर्क है कि उन्होंने अपने धार्मिक रीति-रिवाजों के अनुसार अंतिम संस्कार किया, जो उनका संवैधानिक अधिकार है।
प्रशासन की सुलह की कोशिश
तनावपूर्ण हालात के बीच प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचकर दोनों पक्षों से अलग-अलग बातचीत कर रहे हैं। गांव में शांति बनाए रखने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। प्रशासन का कहना है कि कानून व्यवस्था से किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा और समाधान आपसी सहमति से निकालने की कोशिश जारी है।


