सीजी भास्कर, 26 अप्रैल : छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के दुधावा क्षेत्र में तेंदुए (Kanker Leopard Attack) का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। शुक्रवार रात आछीडोंगरी गांव में तेंदुए ने घर के आंगन में खेल रहे आठ वर्षीय बच्चे पर हमला कर दिया। तेंदुआ बच्चे के गले को पकड़ उसे घसीटते हुए ले जाने लगा, लेकिन मौके पर मौजूद बड़े भाई ने साहस दिखाया। वह तेंदुए से भिड़ गया और छोटे भाई के पैरों को खींचते हुए उसे तेंदुए के चंगुल से छुड़ा लिया। घायल बच्चा गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती है और जिंदगी से जंग लड़ रहा है।
ग्रामीण नंदलाल मंडावी ने बताया कि घटना शाम करीब सात बजे की है। बच्चा आंगन में खेल रहा था तभी अचानक तेंदुआ आ धमका और झपट पड़ा। बड़े भाई लकेश्वर मरकाम ने शोर मचाते हुए बहादुरी से अपने छोटे भाई को बचा लिया। लकेश्वर ने कहा, “अगर वक्त पर न पहुंचता तो तेंदुआ उसे मार डालता।”
ग्रामीणों के मुताबिक दुधावा से गुजर रही भारतमाला सड़क परियोजना के तहत मालगुंडी पहाड़ी को काटा जा रहा है। रोजाना हो रही हैवी ब्लास्टिंग से तेंदुए और भालू का प्राकृतिक आवास उजड़ गया है। मजबूरन जंगली जानवर आबादी की तरफ बढ़ रहे हैं। दीनू साहू, स्थानीय निवासी ने बताया कि पहले तेंदुए (Kanker Leopard Attack) पालतू जानवरों को निशाना बनाते थे, अब बच्चों पर हमला कर रहे हैं।
लगातार हो रहे जानलेवा हमले (Kanker Leopard Attack)
दुधावा क्षेत्र में दिसंबर 2024 से अब तक चार बच्चों पर तेंदुए ने हमला किया है। 4 अगस्त 2024 को कोड़मुड़ गांव से एक बच्चे को उठा ले गया था, जिसका सिर्फ सिर मिला। 25 सितंबर 2024 को नया पारा में एक बच्ची गंभीर रूप से घायल हुई। 2 अक्टूबर को दुधावा बस्ती में तेंदुए के हमले से एक बच्चा विकलांग हो गया। अब ताजा घटना में आठ साल के बच्चे को निशाना बनाया गया।
तेंदुए और भालू से 11 लोगों की मौत (Kanker Leopard Attack)
2022 से अब तक तेंदुए और भालू के हमलों में 11 लोगों की जान जा चुकी है और 70 से अधिक लोग घायल हुए हैं। शाम ढलते ही ग्रामीण घरों में कैद हो जाते हैं। खेतों में जाना भी खतरे से खाली नहीं है। दहशत का माहौल व्याप्त है। वन विभाग के एसडीओ चन्द्र कुमार अग्रवाल ने बताया कि तेंदुए को पकड़ने के लिए रायपुर से विशेषज्ञों की टीम कांकेर पहुंच रही है। तेंदुए को ट्रैक कर रेस्क्यू कर दूर जंगल में छोड़ा जाएगा।