12 अप्रैल को दलित युवक देवी शंकर की निर्मम हत्या कर दी गई थी. सांसद चन्द्रशेखर आजाद 29 जून की शाम को देवी शंकर के परिवार से मिलने जा रहे थे. इसी बीच, करछना में बवाल होने लगा. गाड़ियां तोड़ दी गईं और नारेबाजी की गई.
प्रयागराज के करछना-कौड़ीहार मार्ग पर 29 जून की शाम जमकर बवाल हुआ. यहां उपद्रव में कई दर्जन गाड़ियां तोड़ दी गईं, जिसमें चार गाड़ियां पुलिस की ही थीं. एक दर्जन से अधिक लोग इस उपद्रव में घायल हुए हैं. इस बवाल की प्रमुख वजह इसौटा गांव में सांसद चन्द्रशेखर आजाद का एक दलित देवी शंकर के परिवार से मुलाकात करने के लिए जाना बताया जा रहा है.
दरअसल, 12 अप्रैल को दलित युवक देवी शंकर की निर्मम हत्या कर दी गई. 12 अप्रैल शाम को देवी शंकर को घर से कुछ लोगों ने गेहूं ढोने के बहाने बुलाया. इसके बाद अगले दिन यानी 13 अप्रैल सुबह उसका अधजला शव बरामद हुआ. पुलिस के मुताबिक, आरोपियों ने पहले देवी शंकर को शराब पिलाई. फिर विवाद के दौरान पीट-पीटकर मार डाला और शव पर कपड़े डालकर आग लगा दी.
तेज हवाओं से आग बुझी आग, आधा ही जला शव
इसके बाद आरोपी भाग निकले, लेकिन तेज हवाओं से आग बुझ गई और लाश पूरी तरह से जल नहीं पाई. पुलिस और मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, देवी शंकर की गांव की ही एक लड़की से बातचीत और प्रेम संबंध थे. इसी रंजिश में उसकी हत्या की गई. इस मामले में 8 नामजद आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. सभी को अनुसूचित जाति-जनजाति अधिनियम सहित विभिन्न धाराओं के तहत जेल भेजा गया.
जांच में प्रेम संबंधों की बात सामने आई थी
गिरफ्तार आरोपियों के नाम संजय सिंह (सोनू), मोहित सिंह, मनोज सिंह, अवधेश सिंह (डीएम), दिलीप सिंह (छुट्टन), विमलेश गुप्ता (बाबा डान), शेखर सिंह और अजय सिंह हैं. शुरू में देवी शंकर के कुछ परिजनों का कहना था कि उसकी हत्या इसलिए की गई क्योंकि उसने दबंगों द्वारा कहे गए गेहूं के बोझ उठाने के काम को करने इनकार कर दिया, लेकिन बाद में जांच हुई तो प्रेम संबंधों की बात सामने आई थी.