सीजी भास्कर, 6 सितंबर। बच्चे की किडनी बदलवाने के नाम पर 1.20 लाख रुपये की ठगी के मामले (Kidney Transplant Fraud Chhattisgarh) ने जिले में सनसनी फैला दी है। पुलिस ने इस मामले में स्टेशन मरोदा निवासी दामिनी मानिकपुरी को गिरफ्तार किया है। आरोपिता ने स्वयं को एम्स अस्पताल की नर्स बताकर पीड़ित परिवार को इलाज का झूठा भरोसा दिलाया और मोटी रकम ऐंठ ली।
धमधा थाना (Kidney Transplant Fraud Chhattisgarh) अंतर्गत ग्राम तुमाकला निवासी प्रार्थिया असनी बाई निर्मलकर ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उसने बताया कि 24 दिसंबर 2024 को आरोपिता दामिनी रिश्तेदारी में आई थी। उसी दौरान जान-पहचान हुई और दामिनी ने खुद को एम्स अस्पताल की नर्स बताया। प्रार्थिया के 13 वर्षीय पुत्र विनय की किडनी संबंधी बीमारी को इलाज कराने का झांसा देते हुए पहले 10,000 रुपये लिए गए। बाद में कुल 1.20 लाख रुपये यह कहकर ऐंठ लिए गए कि बच्चे का किडनी ट्रांसप्लांट कराया जाएगा। लेकिन न तो इलाज हुआ और न ही पैसे वापस किए गए।
प्रार्थिया की आर्थिक स्थिति कमजोर होने से उसने बार-बार पैसे लौटाने की मांग की। इसके बाद आरोपिता ने 19 जून 2025 को 1.20 लाख रुपये का चेक दिया, लेकिन वह बैंक में बाउंस हो गया। पुनः 1 सितंबर 2025 को दूसरा चेक दिया गया, जो फिर बाउंस हो गया। लगातार धोखाधड़ी से परेशान होकर पीड़िता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस (Kidney Transplant Fraud Chhattisgarh) ने तत्काल कार्रवाई करते हुए दामिनी मानिकपुरी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपिता के खिलाफ गंभीर धाराओं में अपराध पंजीबद्ध किया गया है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मेडिकल उपचार जैसे संवेदनशील विषय पर इस तरह की ठगी बेहद गंभीर अपराध है। मामले की विस्तृत जांच जारी है और अन्य पीड़ित सामने आते हैं तो आरोपिता पर अतिरिक्त धाराएँ लगाई जाएंगी।
यह घटना दुर्ग (Kidney Transplant Fraud Chhattisgarh) जिले में एक बड़े ठगी कांड के रूप में सुर्खियों में है। आमजन को पुलिस ने चेतावनी दी है कि किसी भी तरह की चिकित्सा सुविधा के लिए केवल मान्यता प्राप्त अस्पतालों और अधिकृत डॉक्टरों पर ही भरोसा करें।