सीजी भास्कर, 28 अक्टूबर। महिला उत्पीड़न जांच समिति गठन के निरीक्षण के नाम पर व्यापारियों से अवैध वसूली करने के मामले में अब (Labour Department Notice) और भी अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। आरोपी श्रम निरीक्षक के साथ मौके पर मौजूद दो श्रम उप निरीक्षक और एक श्रम कल्याण उप निरीक्षक को अपर श्रमायुक्त ने नोटिस जारी करते हुए तीन दिनों के भीतर जवाब तलब किया है।
तीनों अधिकारियों को नोटिस, 3 दिन में देना होगा स्पष्टीकरण
जारी नोटिस के अनुसार जांच समिति की रिपोर्ट में पाया गया है कि श्रम पदाधिकारी कार्यालय बलौदाबाजार की टीम ने पॉस एक्ट के तहत आंतरिक परिवाद समिति के गठन के दौरान गुमाश्ता लाइसेंस और समिति गठन के नाम पर व्यापारियों से भयादोहन करते हुए राशि की अवैध वसूली की थी। इस टीम में श्रम निरीक्षक रामचरण कौशिक, श्रम उप निरीक्षक अभय दुबे, कोमल सिंह मरावी और श्रम कल्याण निरीक्षक (प्लेसमेंट) कार्तिकेय दुबे शामिल थे।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इन अधिकारियों ने मौके पर हो रही वसूली और अभद्र व्यवहार को रोकने का कोई प्रयास नहीं किया। अपर श्रमायुक्त ने तीनों को कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों न उन्हें भी श्रम निरीक्षक रामचरण कौशिक के अवैधानिक कृत्य में सहभागी मानते हुए अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए।
श्रम निरीक्षक पर पहले ही कार्रवाई प्रस्तावित
इससे पहले (Labour Department Notice) के तहत जांच समिति ने पुष्टि की थी कि श्रम निरीक्षक रामचरण कौशिक ने व्यापारियों से अवैध वसूली की थी। कलेक्टर दीपक सोनी ने इस रिपोर्ट के आधार पर उनके निलंबन की कार्रवाई प्रस्तावित कर सचिव, श्रम विभाग को पत्र भेजा था। अब जांच का दायरा बढ़ाते हुए अन्य अधिकारियों को भी जिम्मेदार ठहराने की तैयारी चल रही है।
लापरवाही पर चॉइस सेंटर संचालक का आईडी निरस्त
कलेक्टर दीपक सोनी के निर्देश पर एक अन्य कार्रवाई में कसडोल ब्लॉक के ग्राम बड़गांव निवासी चॉइस सेंटर संचालक पुरन सिंह का ई-डिस्ट्रिक्ट आईडी निरस्त कर दिया गया है। अपर कलेक्टर अवधराम टंडन ने बताया कि लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत चॉइस सेंटर संचालक को संपूर्ण दस्तावेज अपलोड करना अनिवार्य है, लेकिन कई बार अधूरे दस्तावेज अपलोड करने के कारण प्रमाणपत्र समय पर जारी नहीं हो पा रहे थे। इसी लापरवाही के चलते संचालक पर कार्रवाई करते हुए उसका आईडी रद्द कर दिया गया।
