सीजी भास्कर, 6 सितंबर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में जमीन की रजिस्ट्री में 26 साल पहले की गई छेड़छाड़ का मामला अब उजागर हुआ है (Land Registry Fraud Case Chhattisgarh)। पुलिस ने इस मामले में दस्तावेज लेखक महेंद्र सिंह ठाकुर को गिरफ्तार किया है, जबकि जमीन दलाल सुरेश मिश्रा और उसके साथी अभी फरार हैं और उनकी तलाश जारी है।
मामले की शिकायत नागपुर निवासी अरुण कुमार दुबे ने दर्ज कराई है। अरुण ने बताया कि 1999 में वे एसईसीएल जमुना कोतमा एरिया में सुरक्षा अधिकारी थे। उसी समय उन्होंने मोपका में रामफल कैवर्त की जमीन सुरेश मिश्रा से खरीदी थी। कुछ महीने पहले उन्होंने जमीन सावित्री देवी राठौर के नाम पर रजिस्ट्री कराई। जब सावित्री देवी ने तहसील कार्यालय में नामांतरण के लिए आवेदन किया, तो सुरेश मिश्रा ने रजिस्ट्री की दूसरी कापी निकालकर आपत्ति दर्ज कर दी।
जांच में पता चला कि 26 साल पहले ही दस्तावेज में छेड़छाड़ कर धोखाधड़ी की गई थी। सुरेश ने कार्बन कापी में खसरा नंबर बदलकर कब्जा हड़प लिया था। अब दूसरी बार जमीन बेचते समय यह पुराना मामला सामने आया और परेशानियों का दौर शुरू हुआ। पुलिस ने पूरे मामले की छानबीन कर दस्तावेज लेखक महेंद्र सिंह ठाकुर को गिरफ्तार कर लिया है (Land Registry Fraud Case Chhattisgarh)। मुख्य आरोपी और उसके साथी फरार हैं, उनके संभावित ठिकानों पर पुलिस दबिश दे रही है।
एसएसपी ने जमीन दलालों और उनके सहयोगियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। अधिकारियों का कहना है कि एक घर बनाने के लिए लोग अपनी पूरी जमा पूंजी खर्च कर देते हैं, और ऐसे में जमीन दलालों द्वारा ठगी करना लोगों के सपनों को चकनाचूर कर देता है। पुलिस लगातार ऐसी धोखाधड़ी करने वालों पर नजर रख रही है और सभी मामलों में न्यायिक कार्रवाई सुनिश्चित कर रही है (Land Registry Fraud Case Chhattisgarh)।
इस घटना से ग्रामीण और शहर के लोग सावधान हो गए हैं। लोगों ने कहा कि जमीन संबंधी दस्तावेज और रजिस्ट्री की जांच पहले से अधिक सख्ती से होनी चाहिए। पुलिस का कहना है कि भविष्य में ऐसी धोखाधड़ी को रोकने के लिए सभी तहसील और रजिस्ट्री कार्यालयों में सख्ती बरती जाएगी।