सीजी भास्कर, 28 नवंबर। बिहार विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद महागठबंधन (Mahagathbandhan Crisis) के सहयोगी दलों के बीच तनाव बढ़ गया है। इस संबंध में गुरुवार को दिल्ली में कांग्रेस आलाकमान की बैठक बुलाई गई। इस बैठक के बाद कांग्रेस सांसद अऔर पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने मीडिया से बातचीत की।
इस दौरान उन्होंने कहा कि कहां कमी रही इसका फीडबैक पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी को दिया गया है। आरजेडी से अलग होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि अलग होना है या नहीं, इसका फैसला आलाकमान करेगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सीट वाइज सभी की बातों को लीडरशिप ने सुनी। जहां कमी रही वहां पर सुधारात्मक कदम उठाने की बात हुई।
(Mahagathbandhan Crisis) दिल्ली में कांग्रेस आलाकमान की बैठक
अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि बैठक में ये जानने की कोशिश की गई कि हम लोग क्यों हारे। हम लोगों ने अपनी-अपनी बात आलाकमान से कह दी है। आगे अच्छा रोडमैप बनेगा ताकि इस तरह की हार न मिले।
वहीं, कांग्रेस सांसद तारिक अनवर ने कहा कि 10-10 का ग्रुप बनाकर नेताओं से बातचीत की गई है। जिसको जो भी सुझाव देना था, उसने दिया है। आरजेडी के साथ गठबंधन रहेगा या नहीं, इस सवाल पर तारिक अनवर ने कहा, “अभी कोई फैसला नहीं हुआ है। सिर्फ समीक्षा बैठक थी।”
बैठक में कदवा से पूर्व विधायक भी हुए शामिल
कदवा के पूर्व विधायक शकील अहमद खान भी इस बैठक का हिस्सा थे। उन्होंने कहा, “वन टू वन बातें हुईं। ग्रुप में बातें हुईं। सभी ने अपनी-अपनी बात रखी। हम लोगों को आगे क्या काम करना है, इस पर चर्चा हुई।” बाहरी लोगों को टिकट देने के आरोपों पर उन्होंने कहा, “ये इल्जाम गलत हैं। टिकट बंटवारे में कोई एक व्यक्ति शामिल नहीं होता। पूरी प्रक्रिया होती है उसके बाद दिया जाता है।”
सीमांचल में कांग्रेस की हार और ओवैसी फैक्टर पर शकील अहमद खान ने कहा, “आपने (मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन) ने जिन लफ्जों का इस्तेमाल किया उससे नुकसान होगा। ये मुल्कि लिबरल है। हमारी लड़ाई भारतीय जनता पार्टी के कट्टरवादिता से है। अगर कोई मुस्लिम संस्था बनकर कट्टरवाद का रास्ता अपनाएगी तो हिंदुत्ववादी ताकतों के कट्टरवाद को फायदा मिलेगा। ये बात समझनी चाहिए।”
