28 अप्रैल 2025 :
UP Politics: उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने सोमवार, 28 अप्रैल को सिलसिलेवार 4 पोस्ट्स किए. इस पोस्ट्स के संदर्भ में जानकारों का मानना है कि यह उनके भतीजे आकाश आनंद को लेकर है. फरवरी से मार्च के दौरान आकाश आनंद पार्टी से गए और फिर बाद में माफी-तलाफ़ी के बाद उनकी रिएंट्री हुई. हालांकि अभी तक उन्हें कोई अहम जिम्मेदारी नहीं मिली है.
इस बीच भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी समेत अन्य विपक्षी दल के नेता इस रणनीति पर सवाल उठा रहे हैं. इन सब पर अब बसपा चीफ ने चुप्पी तोड़ी है. सोशल मीडिया साइट एक्स पर मायावती ने लिखा- देश के दलित व अन्य उपेक्षितों के हितैषी बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान के कारवाँ को सत्ता की मंज़िल तक पहुँचाने के मिशन में तत्पर बी.एस.पी. में कार्यरत लोगों के आने-जाने में कुछ भी निजी नहीं बल्कि यह पार्टी व मूवमेन्ट के हित पर पूर्णतः निर्भर.
यह सब दोहरा मापदण्ड नहीं है तो और क्या?
बसपा चीफ ने लिखा- साथ ही, विरोधी पार्टियों के षड्यन्त्र के तहत् पार्टी के कुछ लोग, उनके बहकावे में आकर जब अपनी ख़ुद की पार्टी को कमज़ोर करने में लग जाते हैं, या फिर पार्टी में अनुशासनहीनता अपनाने व परिपक्वता के साथ कार्य ना करने के कारण तब उन्हें मजबूरी में, पार्टी हित में निकालना पड़ता है.
यूपी की पूर्व सीएम ने लिखा- किन्तु जल्दी ही उनके समझ में आने व गलती का अहसास करने के बाद जब उन्हें पार्टी में वापस ले लिया जाता है, तो तब फिर कांग्रेस, बीजेपी व अन्य विरोधी पार्टियाँ इसे आया राम व गया राम की संज्ञा देकर, पार्टी की छवि को धूमिल करने की पूरी-पूरी कोशिश करती हैं.
उन्होंने लिखा- और जब यही कार्य विरोधी पार्टीयाँ करती हैं तब उसे वे पार्टी हित का मामला कहकर टाल देती हैं, लेकिन बीएसपी के मामले में इसे ये किस्म-किस्म की संज्ञा देकर इस पार्टी की छवि को ख़राब करने की कोशिश करती हैं. यह सब इनका दोहरा मापदण्ड नहीं है तो और क्या है? पार्टी के लोग सतर्क रहें.