सीजी भास्कर, 27 जुलाई। आज भिलाई में देश भर से लगभग 300 फिजिशियन, विशेषज्ञ चिकित्सक एवं पोस्ट ग्रेजुएट विद्यार्थी एक दिवसीय मेडिसिन अपडेट सम्मेलन में पहुंच रहे हैं।
आपको बता दें कि नवीनतम शोध, उपचार विधियों एवं दवाओं के बारे में जानकारी देने के उद्देश्य से भिलाई में एसोसिएशन आफ फिजिशियन आफ इंडिया (एपीआई) दुर्ग-भिलाई शाखा एवं इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) दुर्ग शाखा के संयुक्त तत्वावधान में एक दिवसीय मेडिसिन अपडेट सम्मेलन का आयोजन होटल अमित इंटरनेशनल पार्क में है। यह कार्यक्रम प्रातः 10 बजे से शाम 6 बजे तक चलेगा।
यह सम्मेलन चिकित्सा क्षेत्र में हो रहे नवीनतम शोध, उपचार विधियों एवं दवाओं के बारे में जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से आयोजित किया जा रहा है। यह सतत चिकित्सा शिक्षा (सीएमई) का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसमें छत्तीसगढ़ सहित देशभर से लगभग 300 फिजिशियन, विशेषज्ञ चिकित्सक एवं पोस्ट ग्रेजुएट विद्यार्थी भाग लेंगे।
कार्यक्रम में देश के विभिन्न हिस्सों से ख्यातिप्राप्त वरिष्ठ चिकित्सक अपने व्याख्यान प्रस्तुत करेंगे, जिनमें प्रमुख रूप से डॉ. पीसी मनोरिया (भोपाल), पद्मश्री डॉ. सी. वेंकटराम (हैदराबाद), डॉ.. अनुज माहेश्वरी (लखनऊ), डॉ.. मंगेश तिवस्कर (मुंबई), डॉ.. मुफज्जल लकड़ावाला (मुंबई), डॉ. सुशील जिंदल (भोपाल), डॉ. ज्योर्तिमय पाल (कोलकाता) शामिल हैं।
डॉ. ज्योर्तिमय पाल, एसोसिएशन आफ फिजिशियन आफ इंडिया की राष्ट्रीय शाखा के वर्तमान अध्यक्ष हैं, जबकि डॉ. अनुज माहेश्वरी डॉक्टर्स की राष्ट्रीय संस्था रिसर्च सोसायटी फॉर स्टडीज इन डायबिटीज के वर्ष 2026 के निर्वाचित अध्यक्ष हैं।
डॉ. पीसी मनोरिया अविभाजित मध्यप्रदेश और मध्यभारत के वरिष्ठतम हृदय रोग विशेषज्ञों में गिने जाते हैं। पद्मश्री डॉ. सी. वेंकटराम ने हाईपरटेंशन पर अमेरिका में रहते हुए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शोध किए हैं, जिनके लिए भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री सम्मान से अलंकृत किया।
डॉ. मंगेश तिवस्कर फिजिशियन जर्नल जेएपीआई के मुख्य संपादक हैं, जबकि डॉ. मुफज्जल लकड़ावाला देश के अग्रणी बैरियाट्रिक सर्जन हैं।
डॉ. सुशील जिंदल एक प्रख्यात एंडोक्राइनोलाजिस्ट हैं।
कार्यक्रम में जिन प्रमुख विषयों पर व्याख्यान होंगे, उनमें डायबिटीज में नई दवाओं और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग, मोटापे के इलाज में बैरियाट्रिक सर्जरी की भूमिका, हाईपरटेंशन का निदान और नई उपचार विधियां, हार्मोन संबंधी रोग, सिकलसेल बीमारी और मस्तिष्क रोगों पर नवीनतम शोध शामिल हैं।
सवाल-जवाब का विशेष सत्र भी रखा गया है, जिसमें सहभागी डाक्टर विशेषज्ञों से सीधा संवाद कर सकेंगे।
इस आयोजन में मेडिसिन विभाग के पोस्ट ग्रेजुएट विद्यार्थी भी बड़ी संख्या में भाग ले रहे हैं, जिन्हें इस सम्मेलन से चिकित्सा के उभरते क्षेत्र में नवीनतम जानकारी प्राप्त होगी।
कार्यक्रम को सफल बनाने में एपीआई और आईएमए दुर्ग शाखा के पदाधिकारी डॉ. राजीव चंद्राकर, डॉ. चंदर बाफना, डॉ. बसंत वर्मा, डॉ. संगीता सिन्हा एवं उनकी समर्पित कार्यकारिणी समिति सक्रिय है।