सीजी भास्कर, 22 नवंबर। बीजापुर के विधायक विक्रम मंडावी (Minor Mineral Sand Auction) ने गौण खनिज रेत की ई-नीलामी पर रोक लगाने की मांग करते हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को पत्र लिखा है। अपने पत्र में उन्होंने कहा कि बस्तर संभाग पूरी तरह आदिवासी बहुल क्षेत्र है, जो संविधान की पांचवीं अनुसूची के अंतर्गत आता है। यहाँ पेसा कानून 1996 लागू है, जो ग्राम पंचायतों को प्राकृतिक संसाधनों पर अधिकार प्रदान करता है।
विधायक मंडावी ने कहा कि रेत खदानों की ई-नीलामी प्रक्रिया ग्राम पंचायतों के संवैधानिक अधिकारों का सीधा हनन है (Chhattisgarh Sand Mining)। उनके अनुसार, रेत खदानों का आबंटन ग्राम पंचायतों को देने से न केवल पंचायतों का राजस्व बढ़ेगा, बल्कि स्थानीय ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।
उन्होंने आगे कहा कि ग्राम पंचायतों को खदान सौंपे जाने से स्थानीय समुदायों को प्राकृतिक संसाधनों का वास्तविक लाभ मिलेगा। कांग्रेस सरकार के समय भी नीलामी प्रक्रिया को निरस्त कर खदानों को पंचायतों को सौंपा गया था। इसलिए वर्तमान सरकार को भी ई-नीलामी रोकते हुए वही व्यवस्था बहाल करनी चाहिए (Vikram Mandavi Letter)। विधायक ने CM से मांग की कि संवैधानिक प्रावधानों का सम्मान करते हुए और आदिवासी क्षेत्रों के विकास को बनाए रखने हेतु रेत खदानों का प्रबंधन पुनः ग्राम पंचायतों को सौंपा जाए।

