सीजी भास्कर 18 दिसम्बर : गोरखपुर की सिविल कोर्ट ने एक संवेदनशील और झकझोर देने वाले मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए 5 साल की मासूम के साथ दुष्कर्म के दोषी युवक को 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने दोषी पर 25 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया। यह फैसला Minor Rape Conviction Gorakhpur के तौर पर न्याय व्यवस्था की गंभीरता को दर्शाता है।
धर्मशाला पुल के नीचे हुई थी वारदात
मामला 18 अप्रैल 2024 की रात का है। बिहार की रहने वाली एक विधवा महिला, जो दिनभर गुब्बारे बेचकर जीवन यापन करती थी, गोरखपुर के धर्मशाला पुल के नीचे अपनी 5 साल की बेटी के साथ सो रही थी। इसी दौरान महाराजगंज क्षेत्र का रहने वाला शमशाद उर्फ राजा वहां पहुंचा और मासूम को उठाकर सुनसान जगह ले गया। यह पूरी घटना Minor Rape Conviction Gorakhpur केस की आधारशिला बनी।
राहगीरों की सतर्कता से बची जान
घटना के दौरान बच्ची की चीख-पुकार सुनकर वहां से गुजर रहे कुछ लोगों की नजर आरोपी पर पड़ी। खुद को घिरता देख आरोपी बच्ची को घायल अवस्था में छोड़कर भाग निकला। स्थानीय लोगों की सतर्कता ने मासूम की जान बचाई। यही पहलू Child Safety Justice Case की दिशा बदलने वाला साबित हुआ।
मां की खामोशी, मौसी की आवाज बनी गवाही
पुलिस जब मौके पर पहुंची तो सामने एक बड़ी चुनौती थी—पीड़िता की मां मूक-बधिर थी और बयान देने में असमर्थ थी। ऐसे में बिहार से बच्ची की मौसी को बुलाया गया, जिनकी तहरीर पर मुकदमा दर्ज हुआ। यह मानवीय पहल Child Safety Justice Case में न्याय की कड़ी बनी।
CCTV और तकनीकी सबूत बने मजबूत आधार
जांच के दौरान पुलिस ने इलाके के CCTV फुटेज खंगाले और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर आरोपी की पहचान कर उसे गिरफ्तार किया। पूरी विवेचना में सबूतों की मजबूती ने केस को कमजोर नहीं पड़ने दिया। यही वजह रही कि Fast Track Trial Rape Case के रूप में यह मामला तेजी से आगे बढ़ा।
18 महीने में पूरा हुआ ट्रायल
इस केस की सुनवाई तेजी से चली। अभियोजन पक्ष ने वैज्ञानिक साक्ष्य और परिस्थितिजन्य सबूतों को प्रभावी ढंग से अदालत के सामने रखा। नतीजा यह रहा कि आरोपी को पूरे ट्रायल के दौरान जमानत नहीं मिल सकी। महज 18 महीने में फैसला आना Fast Track Trial Rape Case की एक मिसाल बन गया।
फैसला सुनते ही छलक पड़े आंसू
जब अदालत ने सजा का ऐलान किया, तो कोर्ट परिसर का माहौल भावुक हो गया। अपनी बेटी के लिए न्याय पाकर मूक-बधिर मां की आंखों से आंसू बह निकले। उसने इशारों में हाथ जोड़कर पुलिस और न्याय व्यवस्था का आभार जताया। यह पल Minor Rape Conviction Gorakhpur की सबसे मानवीय तस्वीर बन गया।


