सीजी भास्कर, 27 अप्रैल : शेयर ट्रेडिंग में मोटे मुनाफे का झांसा देकर 11 लाख रुपये की ठगी (Money Laundering) करने और फिर उसे थाईलैंड व चाइना भेजने वाले गिरोह का पर्दाफाश रायपुर पुलिस ने कर दिया है। इस मामले में पुलिस ने दिल्ली से एक चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA), फर्जी दस्तावेज तैयार करने वाले और मुख्य सरगना को गिरफ्तार किया है।
आरोपियों के कब्जे से फर्जी आधार कार्ड, कंप्यूटर, स्कैनर, प्रिंटर, मोबाइल समेत कई दस्तावेज बरामद किए गए हैं। पूछताछ में खुलासा हुआ कि ये लोग फर्जी दस्तावेजों के सहारे बैंकिंग धोखाधड़ी कर रकम को देश से बाहर भेजते थे। छापेमारी के दौरान पुलिस ने दस्तावेजों के अलावा कंप्यूटर, स्कैनर, प्रिंटर और ठगी से खरीदी गई संपत्तियों की डिटेल भी बरामद की है।
IG Amresh Mishra के निर्देश पर रेंज साइबर थाना ने तकनीकी विश्लेषण करते हुए आरोपितों की पहचान कर दबिश दी। साइबर अपराधियों पर लगातार कार्रवाई के लिए पुलिस का Operation Cyber Shield अभियान भी जारी है। IG अमरेश मिश्रा ने निर्देश दिया है कि साइबर अपराधों में लिप्त मुख्य आरोपितों के खिलाफ तकनीकी साक्ष्य जुटाते हुए सतत गिरफ्तारी की जाए। रेंज साइबर थाना को आदेश दिया गया है कि ऑपरेशन साइबर शील्ड के तहत ऐसे गिरोहों की पूरी तरह कमर तोड़ी जाए।
फर्जी कंपनियों के जरिए विदेश भेजते थे रकम (Money Laundering)
पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपित फर्जी कंपनियों के नाम पर बैंक खाते खोलते थे और फिर Forex Trading के नाम पर बड़ी रकम थाईलैंड और चाइना ट्रांसफर कर देते थे। इसके बाद वही पैसा अलग रास्ते से वापस भारत में मंगाया जाता था। ठगी की रकम से दिल्ली में मकान और फ्लैट जैसी संपत्तियां भी खरीदी गई थीं। पुलिस अब इन संपत्तियों को अटैच करने की प्रक्रिया में जुटी है।
तीन ठगों की गिरफ्तारी से खुले कई राज (Money Laundering)
हिमांशु तनेजा (29 वर्ष), निवासी शालीमार बाग, वेस्ट दिल्ली
गणेश कुमार (37 वर्ष), निवासी डाबरी एक्सटेंशन, ईस्ट दिल्ली
अंकुश कुमार (26 वर्ष), निवासी मसूदपुर, साउथ वेस्ट दिल्ली