सीजी भास्कर, 20 अगस्त। कहते हैं मां अपने बच्चों के लिए किसी भी खतरे से टकरा सकती है। इसका जीता-जागता उदाहरण उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के जैतपुर (बाह) क्षेत्र के नौगवां गांव में देखने को मिला।
यहां एक बहादुर मां रीमा ने अपनी तीन साल की बेटी को खूंखार जंगली जानवर के हमले से बचाने के लिए जान की परवाह किए बिना सीधा मुकाबला किया।
कई मिनट तक चले संघर्ष के बाद आखिरकार जानवर हार मानकर जंगल की ओर भाग गया।
घर के आंगन में घुसा जानवर
मंगलवार दोपहर करीब 1:30 बजे किसान आशीष कुमार की पत्नी रीमा अपने घर के आंगन में बर्तन धो रही थीं। पास ही उनकी नन्ही बेटी अर्पिता (3 साल) खेल रही थी।
तभी अचानक एक जंगली जानवर मकान की दीवार फांदकर भीतर घुस आया और बच्ची पर झपट पड़ा।
बेटी को खींचने लगा, मां ने दी चुनौती
जानवर ने मासूम अर्पिता को पकड़कर घसीटना शुरू कर दिया।
बेटी की चीख सुनते ही रीमा दौड़ीं और शेरनी की तरह जानवर के सामने खड़ी हो गईं।
निहत्थी होने के बावजूद उन्होंने पूरी ताकत से उसका मुकाबला किया।
करीब 3-4 मिनट तक जोरदार संघर्ष चला। इस दौरान मां और बेटी दोनों घायल हो गए, लेकिन रीमा ने हार नहीं मानी। आखिरकार जानवर डरकर भाग निकला।
गांव में फैली दहशत
रीमा और अर्पिता की चीख-पुकार सुनकर ग्रामीण मौके पर दौड़े। शोर मचाने पर जानवर जंगल की तरफ भाग गया।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, वह तेंदुआ हो सकता है, जबकि कुछ ग्रामीण उसे सियार बता रहे हैं। वहीं, वन विभाग ने कहा कि जैतपुर इलाके में तेंदुए की मौजूदगी की पुष्टि अभी तक नहीं हुई है।
मां-बेटी घायल, अस्पताल में भर्ती
हमले में अर्पिता के सिर और चेहरे पर गंभीर चोटें आईं, जबकि रीमा के सिर और हाथों पर गहरे घाव लगे।
दोनों को पहले सीएचसी ले जाया गया, जहां से एसएन मेडिकल कॉलेज, आगरा रेफर कर दिया गया।
डॉक्टरों ने बताया कि फिलहाल दोनों की हालत स्थिर है।
ग्रामीणों की मांग
घटना के बाद पूरे गांव में दहशत है।
ग्रामीणों ने वन विभाग से इलाके में गश्त बढ़ाने और सुरक्षा इंतज़ाम मजबूत करने की मांग की है।
गांव वाले रीमा की बहादुरी की तारीफ कर रहे हैं और कह रहे हैं कि अगर उन्होंने हिम्मत न दिखाई होती तो मासूम अर्पिता की जान बचाना मुश्किल हो जाता।