सीजी भास्कर, 1 मार्च ।
रिश्वतखोरों को फंसाने के बाद वर्षों तक के लिए उलझी रहने वाली घूस की राशि अब शिकायतकर्ता को कोर्ट में अभियोजन कार्रवाई शुरू होते ही मिल जाएगी। इसके लिए सरकार अगले माह यानी अप्रैल से विशेष फंड शुरू करने जा रही है। शासन से इसके लिए सैद्धांतिक सहमति मिलने के बाद सामान्य प्रशासन विभाग लगभग 40 लाख रुपये का विशेष कोष बना रहा है। इससे शिकायतकर्ताओं को राशि लौटाई जाएगी।
- उधर, कोर्ट से मामले का निपटारा होने पर कोष से शिकायतकर्ता को लौटाई गई राशि फिर उसी खजाने में पहुंचने से संतुलन बना रहेगा। इससे कोष में राशि की कमी नहीं आएगी।
- भ्रष्टाचारियों को रंगे हाथ पकड़वाने वाले शिकायतकर्ताओं के लगभग तीन करोड़ रुपये फंसे हुए हैं। कई बार रिश्वत की राशि पांच लाख रुपये तक होती है।
- अभी न्यायालय से प्रकरण का निपटारा होने पर राशि लौटाई जाती है। इसमें 10 से 15 वर्ष भी लग जाते हैं।
- तब तक इस राशि का मूल्य तीन गुना हो चुका होता है, पर शिकायतकर्ता को मूल राशि ही मिलती है।
- ऐसे में कई बार शिकायतकर्ता भ्रष्टाचारी को फंसाना तो चाहता है पर जिसकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है और ट्रैप की राशि लाखों में होती है तो वह कदम पीछे खींच लेता है।
- पिछले तीन वर्ष में प्रदेश में लोकायुक्त पुलिस द्वारा किए गए ट्रैप
- वर्ष — मामले
- 2022 — 257
- 2023 — 180
- 2024 — 197