सीजी भास्कर, 01 मार्च । सुप्रीम कोर्ट ने नागरिक आपूर्ति निगम घोटाले (NAN SCAM CASE) के मामले में छत्तीसगढ़ के पूर्व महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा को शुक्रवार को गिरफ्तारी से पहले जमानत मिल गई है। जस्टिस विक्रम नाथ और संदीप मेहता की पीठ ने वर्मा को जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया है।
सुनवाई के दौरान, वर्मा के लिए पेश हुए वरिष्ठ वकील विवेक तन्खा और वकील सुमीर सोढ़ी ने कहा कि छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने यह गलत निष्कर्ष निकाला है कि हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी कहा कि आरोपों के आधार पर कोई अपराध नहीं बनता है।
राज्य सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी ने अग्रिम जमानत का विरोध करते हुए कहा कि कानून अधिकारी के खिलाफ पर्याप्त सबूत मौजूद हैं।
छत्तीसगढ़ सरकार (NAN SCAM CASE) ने पहले सर्वोच्च न्यायालय को सूचित किया था कि वह नागरिक आपूर्ति निगम (एनएएन) घोटाले के मामले में वर्मा के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करेगी और राज्य सरकार को नोटिस जारी किया गया था।
जानिए क्या है आरोप (NAN SCAM CASE)
एफआईआर में वर्मा पर यह आरोप लगाया गया है कि उन्होंने NAN घोटाले के आरोपियों अनिल टुटेजा और आलोक शुक्ला को जमानत दिलाने में सहायता की। यह कथित भ्रष्टाचार का मामला निम्न गुणवत्ता वाले चावल, चना और नमक की आपूर्ति से संबंधित है, जिसमें कई उच्च-स्तरीय व्यक्तियों, जिनमें नौकरशाह भी शामिल हैं, को गिरफ्तार किया गया था।
वर्मा ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और आईपीसी के तहत दर्ज मामले में अग्रिम जमानत देने से इनकार करने के उच्च न्यायालय के 13 फरवरी के आदेश को चुनौती दी है। इससे पहले, ट्रायल कोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया था।