सीजी भास्कर, 17 सितंबर। शारदीय नवरात्रि 22 सितंबर 2025 से शुरू हो रही है। नवरात्रि का पहला दिन घटस्थापना या कलश स्थापना (Navratri Ghatasthapana 2025) का होता है, जिसे पूजा की सबसे अहम कड़ी माना जाता है। मान्यता है कि अगर घटस्थापना सही विधि और मंत्रों के साथ की जाए तो पूरे नौ दिनों की पूजा सफल और फलदायी होती है। (Navratri Ghatasthapana, Kalash Sthapana, Navratri Mantra)
घटस्थापना के समय बोले जाने वाले मंत्र
घट को भूमि पर स्थापित करने से पहले यह मंत्र जपना चाहिए—
ॐ भूरसि भूमिरस्यदितिरसि विश्वधाया विश्वस्य भुवनस्य धर्त्री। पृथिवीं यच्छ पृथिवीं दृ गुंग ह पृथिवीं मा हि गुंग सीः।
इसके बाद कलश को स्थापित करते समय और वरुण देव का आह्वान करते हुए ये मंत्र पढ़े जाते हैं—
ॐ आ जिघ्र कलशं मह्या त्वा विशन्त्विन्दवः। पुनरूर्जा नि वर्तस्व सा नः सहस्रं धुक्ष्वोरुधारा पयस्वती पुनर्मा विशतादयिः।
ॐ भूर्भुवः स्वः भो वरुण, इहागच्छ, इह तिष्ठ, स्थापयामि, पूजयामि, मम पूजां गृहाण।
इन मंत्रों का उच्चारण करने के बाद देवी दुर्गा की स्तुति एवं अन्य मंत्रों का जप करके पूरे नियम से पूजा प्रारंभ की जाती है।
घटस्थापना मुहूर्त 2025
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, इस साल घटस्थापना के लिए दो विशेष मुहूर्त उपलब्ध हैं:
प्रातः कालीन मुहूर्त: सुबह 6:09 से 8:06 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:49 से दोपहर 12:38 बजे तक
नवरात्रि की तिथियाँ
शुरुआत: 22 सितंबर 2025, प्रतिपदा
अष्टमी: 30 सितंबर 2025
नवमी: 1 अक्तूबर 2025
विजयादशमी व दुर्गा विसर्जन: 2 अक्तूबर 2025
पूरे नौ दिनों तक माता दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाएगी और घर-घर में भक्तिभाव का वातावरण रहेगा।