सीजी भास्कर, 26 नवंबर। बस्तर क्षेत्र में नक्सल उन्मूलन अभियान को आज बड़ी उपलब्धि मिली है। (Naxal Surrender Chhattisgarh) राज्य शासन की पुनर्वास एवं आत्मसमर्पण नीति पूना मारगेम पुनर्वास से पुनर्जीवन के सकारात्मक प्रभाव के तहत 41 माओवादी कैडरों ने हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में वापसी की है।
इन सभी पर कुल एक करोड़ 19 लाख रुपए का इनाम घोषित था। आत्मसमर्पण करने वालों में 12 महिला और 29 पुरुष नक्सली शामिल हैं। ये कैडर साउथ सब जोनल ब्यूरो, तेलंगाना स्टेट कमेटी, धमतरी–गरियाबंद–नुआपाड़ डिवीजन, डीकेएसजेडसी और पश्चिम बस्तर डिवीजन से सक्रिय रहे थे।
राज्य सरकार की शांति, संवाद, विकास और पुनर्वास आधारित समन्वित नीति ने बस्तर में स्थायी शांति की दिशा में मजबूत नींव तैयार की है। सुरक्षा बलों की निरंतर कार्रवाई, प्रशासन की सक्रियता और जनसहभागिता ने माओवादियों को समाज में लौटने के लिए प्रेरित किया है।
पिछले दो वर्षों में अभियान के उल्लेखनीय परिणाम सामने आए हैं। 01 जनवरी 2025 से अब तक 528 गिरफ्तार, 560 समर्पण, 144 मुठभेड़ में ढेर हो चुके हैं। जबकि 01 जनवरी 2024 से अब तक 1031 गिरफ्तार, 790 समर्पण, 202 मुठभेड़ में मारे गए हैं। सभी 41 नक्सलियों को पुनर्वास एवं पुनर्समावेशन प्रक्रिया में शामिल कर लिया गया है। शासन की नीति के अनुसार प्रत्येक कैडर को ₹50,000 की त्वरित आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। आगे उन्हें रोजगार, सुरक्षा और पुनर्वास से जुड़ी सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
Naxal Surrender Chhattisgarh एसपी बीजापुर की अपील
एसपी डॉ. जितेंद्र कुमार यादव ने कहा कि राज्य सरकार की पुनर्वास नीति ने माओवादियों में विश्वास जगाया है और उनके परिवार भी चाहते हैं कि वे सामान्य जीवन जिएं। उन्होंने कहा कि हम सभी माओवादियों से अपील करते हैं कि वे हिंसा छोड़कर निर्भय होकर समाज से जुड़ें। पूना मारगेम नीति उनके सुरक्षित, सम्मानजनक और स्वावलंबी भविष्य का संकल्प है।
