सीजी भास्कर, 03 नवंबर | (NEET PG Rule Change) को लेकर छत्तीसगढ़ में बहस एक बार फिर तेज़ हो गई है। राज्य सरकार अब स्टेट काउंसलिंग में NOC के लिए ₹25 लाख की जमीन या फिक्स्ड डिपॉज़िट (FD) अनिवार्यता वाले नियम में बदलाव करने पर विचार कर रही है। स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने स्पष्ट कहा कि “नियमों को लेकर प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, सरकार सभी पहलुओं का अध्ययन कर रही है।”
नियम बना, पर छात्रों की मुश्किल बढ़ी
राज्य में फिलहाल सरकारी सेवा कर रहे डॉक्टरों को (NEET PG Admission) के दौरान NOC देने के लिए यह आर्थिक शर्त पूरी करनी होती है। उन्हें या तो ₹25 लाख की जमीन या उतनी ही राशि की FD दिखानी पड़ती है। कई छात्र इस वजह से अपनी सीट छोड़ने को मजबूर हो रहे हैं, क्योंकि इतनी बड़ी रकम जुटा पाना सभी के लिए संभव नहीं।
छात्रों ने बताई ज़मीनी हकीकत
सुकमा में ड्यूटी कर रहे डॉ लक्ष्य शर्मा बताते हैं—“मेरी NEET PG रैंक 20,000 आई है। एडमिशन लेना चाहता हूं, लेकिन गांव की जमीन पहले से गिरवी है। ₹25 लाख का इंतज़ाम नामुमकिन है।”
इसी तरह, अम्बिकापुर मेडिकल कॉलेज की डॉ आफरीन खान कहती हैं—“हम बॉन्ड की सर्विस शर्त पूरी करने को तैयार हैं, पर इतनी बड़ी FD कराना संभव नहीं है।”
फेडरेशन ने नियम को बताया असंवैधानिक
डॉक्टर फेडरेशन का कहना है कि (NEET PG NOC Condition) आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के खिलाफ है। शिक्षा का अधिकार और समान अवसर के सिद्धांतों के अनुसार, यह शर्त असंवैधानिक मानी जा सकती है। फेडरेशन ने मांग रखी कि जिन छात्रों की आर्थिक स्थिति कमजोर है, उनके लिए एफिडेविट को वैकल्पिक दस्तावेज़ के रूप में स्वीकार किया जाए।
सरकार का संकेत, जल्द बदल सकता है नियम
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि सरकार इस पूरे मामले पर गंभीरता से विचार कर रही है। प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और आने वाले समय में (NEET PG Admission Policy) में संशोधन संभव है। उन्होंने कहा कि “सरकार छात्रों की भावनाओं का सम्मान करती है, और शिक्षा से जुड़ी कोई भी बाधा दूर करने की दिशा में काम करेगी।”
छात्रों की उम्मीदें फिर जगीं
नियमों में संभावित बदलाव की खबर से छात्रों में उम्मीद जगी है। जिन अभ्यर्थियों ने आर्थिक बाधाओं के कारण एडमिशन छोड़ दिया था, वे अब सरकार से जल्द राहत की उम्मीद कर रहे हैं। कई डॉक्टरों ने कहा कि यदि यह नियम हटाया जाता है तो राज्य में विशेषज्ञ डॉक्टरों की संख्या में भी इज़ाफ़ा होगा।
