भुवनेश्वर।
महिलाओं की सुरक्षा को लेकर विपक्ष के निशाने पर रही ओडिशा की मोहन माझी सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। दुकानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में कार्यरत महिला कर्मचारियों के लिए राज्य सरकार ने नाइट शिफ्ट को लेकर कड़े दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
अब किसी भी महिला कर्मचारी को रात की ड्यूटी करने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता। इसके लिए कंपनियों को महिला से लिखित सहमति लेनी होगी, जो स्वेच्छा से नाइट शिफ्ट में काम करना चाहती है।
रात की शिफ्ट में काम करने वाली महिलाओं के लिए सरकार के नए निर्देश:
कम से कम तीन महिलाएं रहेंगी एक साथ ड्यूटी पर
पिक-अप और ड्रॉप सुविधा अनिवार्य
GPS ट्रैकिंग सिस्टम से लैस वाहन जरूरी
ड्राइवर का पुलिस वेरिफिकेशन और बायोडाटा अनिवार्य
शौचालय और पेयजल की उचित व्यवस्था जरूरी
CCTV निगरानी के साथ सुरक्षित रोशनी वाले रास्ते
दो शिफ्ट के बीच कम से कम 8 घंटे का विश्राम जरूरी
यौन उत्पीड़न से सुरक्षा अधिनियम 2013 का पालन अनिवार्य
कंपनियों को श्रम विभाग को सेल्फ-अटेस्टेड फॉर्म भरना होगा
नाबालिगों के लिए रात की शिफ्ट में बैन
सरकार ने साफ किया है कि किशोरियों या नाबालिग लड़कियों को किसी भी स्थिति में रात की शिफ्ट में काम पर नहीं लगाया जा सकता। यह नियम कंपनियों, कॉर्पोरेट, होटल, मॉल और अन्य संस्थानों पर भी लागू होंगे।
सरकार का उद्देश्य: “सुरक्षा, सुविधा और सम्मान”
ओडिशा सरकार का कहना है कि इन नियमों का उद्देश्य महिलाओं के लिए कार्यस्थल को सुरक्षित और सम्मानजनक बनाना है। इससे महिला कर्मचारियों की भागीदारी भी बढ़ेगी और उनका विश्वास भी मजबूत होगा।
ये नियम तुरंत प्रभाव से लागू कर दिए गए हैं। सभी कंपनियों को इन निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा, अन्यथा कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।