सीजी भास्कर, 07 अक्टूबर। नगर पालिक निगम भिलाई में तात्कालीन कमिश्नर देवेश कुमार ध्रुव को सुकमा कलेक्टर बनाए जाने के कुछ दिन पूर्व ही निगम अधिकारियों को लेकर जबरदस्त सर्जरी हुई। कुछ अधिकारी अचानक स्थानांतरित हुए और कुछ के खिलाफ उनके कार्यकाल में भ्रष्टाचार को लेकर शिकायतें भी सामने आईं। कई प्रकरण में ऐसी शिकायतें राज्य शासन के पास जांच के लिए प्रक्रियाधीन भी होने की खबर मिली है।

कमिश्नर ध्रुव के स्थानांतरण बाद प्रभारी आयुक्त अशोक द्विवेदी पर भी मनमाने फैसले लेने की खबरें आईं। नंदिनी रोड में बगैर विधायक की जानकारी तोड़फोड़ में निकले अशोक द्विवेदी से नाराज़ विधायक ने तत्काल मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और निकाय मंत्री अरूण साव से चर्चा कर इस बात की जानकारी दी नतीजतन 24 घंटे के भीतर अशोक द्विवेदी से प्रभार लेकर दुर्ग में एडीएम बजरंग दुबे को निगम भिलाई का प्रभारी आयुक्त बनाए जाने का आदेश आ गया।इस बीच कुछ ऐसे फैसले और निगम मद के खजाने के दुरूपयोग की जानकारी भी सामने आई जिसमें बगैर तात्कालीन कमिश्नर ध्रुव की जानकारी निगम खजाने से लगभग 20 से 24 लाख का कार्य बगैर आदेश करवा कर भुगतान किए जाने की शिकायत सामने आई जिस पर विधायक रिकेश सेन ने जब तात्कालीन कमिश्नर ध्रुव से जानकारी ली तो उन्होंने ऐसे किसी भी कार्य पर अनभिज्ञता जताते हुए जांच करवाने की बात कही।
विधायक की नाराज़गी नंदिनी रोड की तोड़फोड़ के मसले पर इसलिए थी कि जिन्हें बेदखल किया गया उनके पहले व्यवस्थापन होना था, तात्कालीन निगम कमिश्नर के आश्वासन बाद अचानक विधायक की जानकारी बगैर अमला सुबह से तोड़फोड़ करने निकल गया था।
कुल मिलाकर निगम भिलाई में इन दिनों काफी उलटफेर का दौर चल रहा है। हाल ही में निगम के जोन-3 कार्यालय में आयुक्त बनाए गए बी के वर्मा और सहायक राजस्व अधिकारी अनिल मेश्राम ने भी आनन फानन में कुछ ऐसे मनमाने निर्णय लिए हैं जिन्हें लेकर राज्य सरकार तक शिकायत पहुंचने की खबर मिली है।
निगम सूत्रों के मुताबिक बी के वर्मा का कार्यकाल अब सेवानिवृत्ति के करीब है, ऐसे में उनके खिलाफ भी कुछ मामलों को लेकर ईओडब्ल्यू तक शिकायत गई है जिसकी जांच प्रक्रियाधीन बताई जा रही है। अनिल मेश्राम पर अचानक गिरी गाज को लेकर लोग दबी जुबान बता रहे हैं कि विगत दिवस तोड़ फोड़ को लेकर मेश्राम की भूमिका पर भी सवालिया निशान लगे हैं, उनकी भी शिकायत है। बहरहाल इन दोनों अधिकारियों को हाल ही में जोन-3 में नई जवाबदारी मिली थी और कुछ दिन में ही इनकी कार्यप्रणाली को लेकर मीन मेख सामने आने लगा।
निगम भिलाई गलियारे के वरिष्ठ विश्लेषक अस्पष्ट तौर पर बगैर गिनवाए यह बता रहे हैं कि इनके आलावा कुछ और भी अधिकारी के नाम ईओडब्ल्यू और विभागीय जांच के फेर में सामने आएंगे। बहरहाल प्रभारी निगम आयुक्त श्री दुबे ने पूर्व आदेश में आंशिक संशोधन करते हुए बीके वर्मा कार्यपालन अभियंता/जोन आयुक्त व अनिल मेश्राम सहायक राजस्व अधिकारी, जोन-3 को उनके वर्तमान दायित्वों से मुक्त करते हुए नगर पालिक निगम भिलाई मुख्यालय में अटैच कर लिया है। इन्हें आगामी आदेश तक तत्काल मुख्यालय में संलग्न कर दिया गया है।