सीजी भास्कर, 31 जुलाई |
रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी में सरकारी स्कूलों में शिक्षक बनने का सपना देख रहे सैकड़ों बेरोजगार युवाओं को एक NGO ने ऐसा जाल बिछाया कि न सिर्फ़ उनका भरोसा टूटा, बल्कि करोड़ों की चपत भी लग गई। “री इंडिया स्किल वेलफेयर फाउंडेशन” नाम के इस NGO ने सरकारी नौकरी का झांसा देकर करीब 300 लोगों से 2 से 5 लाख रुपए तक वसूले, और फिर डायरेक्टर फरार हो गया।
फर्जीवाड़ा ऐसे रचा गया: विज्ञापन, इंटरव्यू, जॉइनिंग लेटर और शुरुआती सैलरी
आरोपियों ने अखबारों और सोशल मीडिया में विज्ञापन छपवाकर यह प्रचार किया कि उनका NGO राज्य के सरकारी स्कूलों में निशुल्क शिक्षा देने का कार्य करता है। इसके तहत युवाओं को शिक्षक के रूप में नियुक्त किया जाएगा और NGO की तरफ से उन्हें हर महीने ₹22,000 सैलरी मिलेगी।
इंटरव्यू और डॉक्युमेंट वेरिफिकेशन जैसी प्रक्रिया के बाद 2 से 5 लाख की सिक्योरिटी डिपॉजिट ली गई और फिर सरकारी स्कूलों में भेजकर बाकायदा जॉइनिंग लेटर थमा दिया गया, जिसमें यह तक लिखा था कि “आप 58 वर्ष तक इस पद पर कार्यरत रहेंगे”।
कुछ महीनों तक मिली सैलरी, फिर शुरू हुआ धोखा
शुरुआती 3-4 महीनों तक NGO ने कुछ युवाओं को सैलरी भी दी ताकि फर्जीवाड़े पर किसी को शक न हो। लेकिन इसके बाद तनख्वाह मिलनी बंद हो गई। जब युवाओं ने सवाल उठाए तो NGO के कर्मचारी घुमाने लगे, आश्वासन देते रहे। कई पीड़ित ऐसे हैं जिन्होंने एक साल तक फ्री में पढ़ाया, लेकिन एक रुपया भी नहीं मिला।
जुलाई 2025 में NGO का ऑफिस बंद, डायरेक्टर मोबाइल ऑफ कर हुआ गायब
जैसे ही मामला गंभीर हुआ, 1 जुलाई 2025 से NGO का रायपुर ऑफिस पूरी तरह बंद कर दिया गया। ऑफिस अंबेडकर चौक स्थित वीर नारायण सिंह परिसर में था। आरोपी डायरेक्टर राजू रात्रे और अल्फिजा फातिमा का मोबाइल भी अब बंद है। युवाओं ने जब संपर्क करने की कोशिश की, तो किसी का भी जवाब नहीं मिला।
ASP का दावा: 300 से ज्यादा लोगों से हुई करोड़ों की ठगी
रायपुर ASP कीर्तन राठौर ने बताया कि राज्यभर में करीब 300 लोगों से NGO ने लाखों की ठगी की है। सिर्फ रायपुर में ही अब तक 24 पीड़ितों ने FIR दर्ज कराई है। इसके अलावा NGO में कई बिचौलिए भी सक्रिय थे, जो बेरोजगारों को नौकरी का झांसा देकर पैसा वसूलते थे।
कौन-कौन बने शिकार?
रायपुर के जिन लोगों ने अब तक सिविल लाइन थाने में शिकायत दर्ज कराई है, उनमें शामिल हैं:
- सुरभि सोनी
- पलक गायकवाड़
- प्रसेन जीत भारद्वाज
- चंद्रकांता पटेल
- सरोजिनी कंवर
- यशोदा कंवर
- गीतांजलि साहू
- खिलेश्वरी साहू
- जयश्री ध्रुव
- रूपा वर्मा
- मनीषा बाघमरे
- चंद्रकला
- हेमलता
- जॉनसन खाका
- सुमन साहू
- भानु प्रताप सिंह
- भेदू राम सोनकर
- रूपेश सोनकर
अब आगे क्या?
फिलहाल पुलिस जांच में जुटी है और फरार डायरेक्टर्स की तलाश की जा रही है। पीड़ितों की मांग है कि उनकी राशि वापस दिलाई जाए और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।