CG BhaskarCG Bhaskar
Aa
  • ट्रेंडिंग
  • देश-दुनिया
  • राज्य
  • राजनीति
  • खेल
  • मनोरंजन
  • स्वास्थ्य
  • अपराध
  • धर्म
  • शिक्षा
  • अन्य
Aa
CG BhaskarCG Bhaskar
Search
  • ट्रेंडिंग
  • देश-दुनिया
  • राज्य
  • राजनीति
  • खेल
  • मनोरंजन
  • स्वास्थ्य
  • अपराध
  • धर्म
  • शिक्षा
  • अन्य
Follow US
Home » ‘पॉकेट वीटो का राइट किसी को नहीं…’, सुप्रीम कोर्ट ने पहली बार राष्ट्रपति को बिलों पर निर्णय लेने की समय-सीमा तय की

‘पॉकेट वीटो का राइट किसी को नहीं…’, सुप्रीम कोर्ट ने पहली बार राष्ट्रपति को बिलों पर निर्णय लेने की समय-सीमा तय की

By Newsdesk Admin 12/04/2025
Share

सीजी भास्कर, 12 अप्रैल। सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसले में कहा है कि राज्यपाल द्वारा भेजे गए विधेयकों पर राष्ट्रपति को तीन महीने के भीतर निर्णय लेना अनिवार्य होगा. सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस आर महादेवन की बेंच ने फैसले में कहा कि अनुच्छेद 201 के तहत राष्ट्रपति द्वारा किए गए कार्य न्यायिक समीक्षा के अधीन हैं.

दरअसल, तमिलनाडु के राज्यपाल द्वारा लंबित विधेयकों को मंजूरी देने से इनकार कर दिया गया था. जिसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा. SC ने मामले में सुनवाई की और तमिलनाडु के राज्यपाल के फैसले को खारिज कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को यह फैसला सुनाया और शुक्रवार को संबंधित आदेश सार्वजनिक किया गया.

आदेश में कहा गया कि संविधान के अनुच्छेद 201 के अनुसार, जब कोई विधेयक राज्यपाल द्वारा राष्ट्रपति के पास भेजा जाता है तो राष्ट्रपति को या तो उस पर सहमति देनी होती है या असहमति जतानी होती है. हालांकि, संविधान में इस प्रक्रिया के लिए कोई समयसीमा तय नहीं की गई है.

सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि राष्ट्रपति के पास ‘पॉकेट वीटो’ का अधिकार नहीं है. यानी वो अनिश्चितकाल तक अपने निर्णय को लंबित नहीं रख सकते.

‘…तो उचित कारण बताने होंगे’

बेंच ने कहा, कानून की यह स्थिति स्थापित है कि यदि किसी प्रावधान में कोई समयसीमा निर्दिष्ट नहीं है, तब भी वह शक्ति एक उचित समय के भीतर प्रयोग की जानी चाहिए. अनुच्छेद 201 के तहत राष्ट्रपति द्वारा शक्तियों का प्रयोग कानून के इस सामान्य सिद्धांत से अछूता नहीं कहा जा सकता है.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यदि तीन महीने से ज्यादा की देरी होती है तो उसके उचित कारण दर्ज किए जाने चाहिए और संबंधित राज्य को इसकी जानकारी दी जानी चाहिए.

बेंच ने निर्देश दिया, हम यह निर्धारित करते हैं कि राज्यपाल द्वारा विचारार्थ भेजे गए विधेयकों पर राष्ट्रपति को उस संदर्भ की प्राप्ति की तिथि से तीन महीने के भीतर निर्णय लेना जरूरी है.

असहमति जताना भी न्यायिक समीक्षा के दायरे में

सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा, यदि निर्धारित समयसीमा के भीतर कोई कार्रवाई नहीं होती है तो संबंधित राज्य अदालत का दरवाजा खटखटा सकता है. यदि किसी विधेयक को उसकी संवैधानिक वैधता के कारण रोका जाता है तो सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि कार्यपालिका को अदालत की भूमिका नहीं निभानी चाहिए. ऐसे मामलों को अनुच्छेद 143 के तहत सुप्रीम कोर्ट के पास भेजा जाना चाहिए.

अदालत ने कहा, हम स्पष्ट रूप से कहते हैं कि जब किसी विधेयक में सिर्फ कानूनी मुद्दे शामिल हों, तब कार्यपालिका के हाथ बंधे होते हैं और सिर्फ संवैधानिक अदालतों को ही ऐसे मामलों पर अध्ययन कर सुझाव देने का अधिकार होता है.

सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय उस समय आया, जब कोर्ट ने कहा कि तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने द्रमुक (DMK) सरकार द्वारा पारित 10 विधेयकों को मंजूरी ना देकर गैरकानूनी कार्य किया है. अदालत ने राज्यपालों को विधेयकों पर निर्णय लेने के लिए समयसीमा तय करते हुए यह भी कहा कि किसी प्रकार की निष्क्रियता भी न्यायिक समीक्षा के तहत आ सकती है.

You Might Also Like

Nitin Gadkari 2029 Role : असली फिल्म अभी बाकी है”….2029 को लेकर गडकरी का बड़ा संकेत…

भिलाई में महिलाओं के अधिकारों और स्वास्थ्य जागरूकता पर हुई कार्यशाला

“दृश्यम” फिल्म स्टाईल : पत्नी बनी हत्यारी, प्रेमी के साथ मिलकर पति को मार खाई में फेंका, लोग कह रहे सोनम ही नहीं रीना…..

शाहरुख खान के मन्नत के रिनोवेशन के काम में आई रुकावट, जांच के लिए पहुंची अधिकारियों की टीम

जेठ जी के बेटे से हुआ प्यार, बहू ने उठाया ऐसा कदम, हर कोई बोला- ऐसे चाची-भतीजे पर लानत है..

Newsdesk Admin 12/04/2025
Share this Article
Facebook Twitter Whatsapp Whatsapp Telegram
Share
Previous Article Watch: सोनीपत में गजब मामला! नामी यूनिवर्सिटी के बॉयज हॉस्टल में सूटकेस में ले जा रहा था लड़की, फिर हुआ ऐसा कि…
Next Article प्रवेश वर्मा का दावा- ‘मेटकॉफ हाउस टी-जंक्शन पर फ्लाईओवर बनने से नॉर्थ दिल्ली वालों को जाम से मिलेगी मुक्ति’

You Might Also Like

देश-दुनिया

Nitin Gadkari 2029 Role : असली फिल्म अभी बाकी है”….2029 को लेकर गडकरी का बड़ा संकेत…

21/06/2025
छत्तीसगढ़ट्रेंडिंगदेश-दुनियाफीचर्डभिलाई-दुर्गसामाजिकस्वास्थ्य

भिलाई में महिलाओं के अधिकारों और स्वास्थ्य जागरूकता पर हुई कार्यशाला

21/06/2025
अपराधट्रेंडिंगदेश-दुनियाफीचर्ड

“दृश्यम” फिल्म स्टाईल : पत्नी बनी हत्यारी, प्रेमी के साथ मिलकर पति को मार खाई में फेंका, लोग कह रहे सोनम ही नहीं रीना…..

21/06/2025
देश-दुनिया

शाहरुख खान के मन्नत के रिनोवेशन के काम में आई रुकावट, जांच के लिए पहुंची अधिकारियों की टीम

21/06/2025
छत्तीसगढ़ प्रदेश का एक विश्वसनीय न्यूज पोर्टल है, जिसकी स्थापना देश एवं प्रदेश के प्रमुख विषयों और खबरों को सही तथ्यों के साथ आमजनों तक पहुंचाने के उद्देश्य से की गई है। इसके साथ ही हम महत्वपूर्ण खबरों को अपने पाठकों तक सबसे पहले पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
क्विक लिंक्स
  • ट्रेंडिंग
  • देश-दुनिया
  • राज्य
  • राजनीति
  • खेल
  • मनोरंजन
  • स्वास्थ्य
  • अपराध
  • धर्म
  • शिक्षा
  • अन्य

हमारे बारे में

मुख्य संपादक : डी. सोनी

संपर्क नंबर : +91 8839209556

ईमेल आईडी : cgbhaskar28@gmail.com

© Copyright CGbhaskar 2024 | All Rights Reserved | Made in India by Anurag Tiwari

Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?