सीजी भास्कर, 28 अक्टूबर। बढ़ते प्रदूषण और पेट्रोलियम पदार्थों की दिन-ब-दिन बढ़ते दाम से हर कोई परेशान है, मगर इनके बिना किसी का काम आखिर चलता भी तो नहीं है। सरकार इस कमरतोड़ खर्च से राहत के लिए इलेक्ट्रिक वाहन औऱ सौर ऊर्जा को बढ़ावा दे रही है लेकिन इस राह में भी कम मुश्किलें नही हैं। इलेक्ट्रिक वाहन में इस्तेमाल होने वाली बैटरी को बनाने और उसे रोज चार्ज करने के लिए इस्तेमाल होने वाली बिजली बनने में बहुत प्रदूषण होता है इसलिए कहा जाता है कि देखने में तो इलेक्ट्रिक वाहन धुंआ छोड़ते हुए नहीं दिखते लेकिन इनके चलने के पीछे भी प्रदूषण का बड़ा ढ़ेर है। सौर ऊर्जा है तो उससे रात के समय, ठंड के सीजन में औऱ बरसात में पर्याप्त बिजली नहीं मिल पाती। फिर भी बढ़ते प्रदूषण औऱ महंगे पेट्रोल-डीजल से हर कोई राहत चाहता है, ऐसे में एक शख्स ने अनोखी बाइक बना डाली है।
आपको बता दें कि फर्रुखाबाद में वाहनों के बढ़ते प्रदूषण और इससे होने वाली हानि और बीमारियों से बचने इस शख्स ने अनोखी इलेक्ट्रॉनिक बाइक बना डाली। उसने पुरानी बाइक, कबाड़ और कुछ नए पार्ट मिलाकर इलेक्ट्रॉनिक बाइक बनाई जो एक लीटर पेट्रोल के दाम पर 500 किमी तक चलती है।
इतना ही नहीं यह बाइक चार पहिया मैकेनिज्म की तरह पीछे बैक भी हो जाती है। शख्स ने 16 साल पुरानी पेट्रोल बाइक को पूरी तरह से ईवी (इलेक्ट्रॉनिक बाइक) में बदल दिया है। उसे बाइक के जुगाड़ की जुगत में महज 30 से 35 हजार रुपये का खर्च आया है।
जी हां, फर्रुखाबाद के श्रीकांत ने ई-bike के लिए पुराने कबाड़ से कुछ सामान लिया। कुछ पार्ट्स ऑनलाइन ऑर्डर करके मंगवाए कुछ बड़े मैकेनिक से एडवाइज ले काम शुरू किया और 10 से 15 दिन की कड़ी मेहनत और ट्रायल के बाद उन्होंने पेट्रोल बाइक को पूरी तरह से इलेक्ट्रिक बाइक में बदल दिया। श्रीकांत का दावा है कि बाइक आसानी से बैक भी हो जाती है, इसमें चैन भी नहीं लगी है। श्रीकांत ने बताया कि पेट्रोल इंजन निकालकर उसकी जगह पर 60 वोल्ट की एक बैटरी 30 हजार एमएच की रख दी है और पीछे वाले पहिए में हजार वॉट की एक हब मोटर लगा दी है।
श्रीकांत का दावा है कि एक बार बैटरी को फुल चार्ज करने में करीब डेढ़ यूनिट बिजली खर्च होती है, करीब 10 रुपये में फुल चार्ज होने के बाद बाइक 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से करीब 50 किमी से ऊपर तक चलती है। बैटरी को बाइक के पीछे लगा देने पर इसे पेट्रोल और बैटरी दोनों से चलाया जा सकता है।
श्रीकांत ने बताया कि अब उनकी बाईक पर दो-तीन लोग आराम से सामान समेत बैठ सकते हैं। पेट्रोल बाइक में 2 से 4 हजार किलोमीटर चलने के बाद करीब हजार रुपये का खर्च आता है, वहीं उसका इंजन बनवाने में करीब 6 हजार रुपये का खर्च आता है जबकि उनकी ई बाईक इस खर्च से मुक्त है। इससे कोई प्रदूषण भी नहीं होता और यह ज्यादा आवाज भी नहीं करती है। जिनके पास पुरानी और बेकार बाइकें पड़ी हैं वे उसे ई-बाइक में आसानी से कनवर्ट करा सकते हैं। पुरानी मोटर साइकिल वाले बहुत लोग उनके पास जानकारी के लिए भी आ रहे हैं।