सीजी भास्कर, 02 जुलाई : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज रायपुर में छत्तीसगढ़ इंडस्ट्री डायलॉग-2 के उद्घाटन (One Click Single Window System) पर संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ अब सेमीकंडक्टर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, फार्मा, डिफेंस, एयरोस्पेस और ग्रीन हाइड्रोजन जैसे अत्याधुनिक उद्योगों का राष्ट्रीय केंद्र बनने के लिए तैयार है।
मुख्यमंत्री ने निवेशकों का स्वागत करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीति रोजगार और आर्थिक समृद्धि पर केंद्रित है। “हम अपने राज्य को नक्सल प्रभावित अतीत से बाहर निकालकर देश का सबसे गतिशील औद्योगिक और तकनीकी हब बना रहे हैं।”
इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने 11 प्रमुख कंपनियों से प्राप्त 1 लाख 23 हजार 73 करोड़ के निवेश प्रस्ताव के लिए उन्हें इनविटेशन टू इन्वेस्ट पत्र सौंपा, जिससे 20 हजार 627 लोगों को रोजगार मिल सकेगा।
छत्तीसगढ़ को मिलेगा राष्ट्रीय हब का दर्जा (One Click Single Window System)
छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य लॉजिस्टिक पॉलिसी-2025 को मंजूरी दी है, जो राज्य को राष्ट्रीय लॉजिस्टिक और ई-कॉमर्स हब बनाने की दिशा में बड़ा कदम है। इस नीति से निवेशकों को आकर्षित करने के साथ-साथ सस्ती भंडारण सुविधाओं का विस्तार होगा। ड्राई पोर्ट और इनलैंड कंटेनर डिपो की स्थापना से किसानों, व्यापारियों और उद्योगों को आधुनिक लॉजिस्टिक सपोर्ट मिलेगा।
One Click Approval से उद्योग स्थापना होगी आसान (One Click Single Window System)
निवेशकों के लिए मुख्यमंत्री ने “वन क्लिक सिंगल विंडो सिस्टम 2.0” लॉन्च किया, जिसमें सभी अनुमतियाँ, विभागीय स्वीकृतियाँ और सब्सिडी एकीकृत रूप से आनलाइन मिलेंगी। यह पारदर्शी और तेज प्रक्रिया निवेशकों को छत्तीसगढ़ की ओर आकर्षित करेगी और Ease of Doing Business को नई ऊंचाई देगी।
रेल, जलमार्ग और एयर कार्गो से जुड़ेगा छत्तीसगढ़
रावघाट-जगदलपुर, कोठागुडेम-किरंदुल और खरसिया-परमालकसा रेललाइन परियोजनाओं के साथ-साथ संबलपुर-नवा रायपुर जलमार्ग और सक्रिय एयर कार्गो सेवाएं अब प्रदेश को मल्टी-मोडल कनेक्टिविटी से जोड़ रही हैं। यह अधोसंरचना सुधार औद्योगिक विकास को और गति देगा।
बस्तर और सरगुजा में विकास की नई सुबह
बस्तर और सरगुजा जैसे क्षेत्र अब विकास की नई गाथा लिख रहे हैं। 90,000 से अधिक युवाओं को कौशल प्रशिक्षण और 40,000 को रोजगार दिया गया है। बस्तर दशहरा को अंतरराष्ट्रीय मान्यता और तीरथगढ़ ग्लास ब्रिज जैसे प्रोजेक्ट्स इसे पर्यटन हब में बदल रहे हैं। आदिवासी उद्यमियों को सब्सिडी व रॉयल्टी रिइंबर्समेंट से प्रोत्साहन मिल रहा है।