सीजी भास्कर, 22 जुलाई| One Cooperative Per Panchayat : भारत के सहकारी आंदोलन को अगले दो दशकों के लिए नई दिशा देने वाली राष्ट्रीय सहकारिता नीति-2025 का अनावरण केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह गुरुवार को करेंगे। इसे नए युग की सहकारी सोच के अनुरूप बनाया गया है, जो सहकारिता क्षेत्र को न सिर्फ पुनर्जीवित करेगी, बल्कि पहले से अधिक तकनीक-संगत, पारदर्शी एवं समावेशी बनाकर विकसित भारत की अवधारणा को भी सशक्त करेगी।
देश में अभी 2002 में बनाई गई सहकारिता नीति प्रभावी है। दो दशकों के दौरान देश ने डिजिटल, आर्थिक एवं सामाजिक क्षेत्र में कई बड़े परिवर्तन देखे हैं। ऐसे में सहकारी क्षेत्र को प्रभावशाली बनाना समय की मांग है। इसे ध्यान में रखते हुए सरकार ने पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु के नेतृत्व में 48 सदस्यीय समिति बनाई थी, जिसने नई सहकारिता नीति का मसौदा तैयार किया।
समिति ने अहमदाबाद, बेंगलुरु, पटना एवं गुरुग्राम में कई कार्यशालाएं आयोजित कर छह सौ से ज्यादा सुझावों पर विचार किया और नीति में उन्हें समाहित किया। इसमें सभी स्तरों की सहकारी समितियों, शिक्षाविदों, राज्यों और केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों की भागीदारी रही।
सहकारिता की पहुंच जमीनी स्तर तक सुनिश्चित करने के लिए नई नीति में प्रत्येक पंचायत में कम से कम एक सहकारी समिति बनाने का लक्ष्य है। नई नीति में देश की आठ लाख 42 हजार से अधिक सहकारी संस्थाओं को अत्यधिक प्रतिस्पर्धी बनाने पर जोर दिया गया है। तकनीक के मामले में उन्हें समृद्ध करने के साथ पेशेवर प्रबंधन में निपुण करना है, ताकि ग्रामीण स्तर पर बड़े पैमाने पर रोजगार और आजीविका के अवसर सृजित करने में मदद मिल सके। जाहिर है, नई सहकारिता नीति ग्रामीण समृद्धि में नई क्रांति का शंखनाद कर सकती है। यह ग्रामीण ताने-बाने को सशक्त बनाएगी और लाखों लोगों को आत्मनिर्भरता के लिए प्रेरित करेगी।