सीजी भास्कर 1 सितंबर
तियानजिन (चीन)। शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के 10 सदस्यीय शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक स्तर पर बढ़ते एकाधिकारवादी और दबदबे की नीतियों को गंभीर खतरा बताया।
उन्होंने परोक्ष रूप से अमेरिका को चेताया कि संरक्षणवाद और वर्चस्ववाद दुनिया की स्थिरता और शांति के लिए घातक है।
इसी मंच से पीएम मोदी ने आतंकवाद पर पाकिस्तान को घेरा और साफ कहा कि भारत सीमापार आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद को लेकर शून्य सहिष्णुता (Zero Tolerance) की नीति पर कायम है।
SCO के मंच से भारत का संदेश
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा,
“प्रगति और संपर्क के प्रतीक शहर तियानजिन में इस प्रतिष्ठित सभा को संबोधित करना मेरे लिए सम्मान है।
भारत 1.4 अरब नागरिकों की ओर से सभी नेताओं और प्रतिनिधियों का स्वागत करता है। SCO आज दुनिया की आधी से अधिक आबादी और वैश्विक अर्थव्यवस्था के बड़े हिस्से का प्रतिनिधित्व करता है।”
उन्होंने कहा कि भारत की SCO रणनीति तीन स्तंभों पर आधारित है –
- सिक्योरिटी (सुरक्षा)
- कनेक्टिविटी (संपर्क)
- अपॉर्चुनिटी (अवसर)
पाकिस्तान पर सख्त संदेश
पाकिस्तान का नाम लिए बिना पीएम मोदी ने आतंकवाद को पूरी मानवता के लिए सबसे बड़ी चुनौती बताया। उन्होंने हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र करते हुए कहा,
“भारत पिछले चार दशकों से आतंकवाद का दर्द झेल रहा है। इसने अनगिनत मासूम बच्चों को छीना और परिवारों को तबाह किया। पहलगाम हमला आतंकवाद का घिनौना चेहरा था और यह हर उस देश के लिए चुनौती है जो मानवता में विश्वास रखता है।”
मोदी ने दो टूक कहा कि आतंकवाद पर किसी भी तरह का दोहरा मापदंड स्वीकार्य नहीं होगा।
वैश्विक नेतृत्व को चेतावनी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जब फौजदारी कानून सभी पर समान रूप से लागू होते हैं, तो नागरिक और अंतरराष्ट्रीय नियम भी सभी देशों पर बराबर लागू होने चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि एकतरफा फैसले और प्रभुत्व की नीति दुनिया को अस्थिर बना सकती है।