सीजी भास्कर, 22 अक्टूबर। नकली डाक टिकट बनाने और बेचने वाले रैकेट का खुलासा हुआ है। पुलिस ने जनरल पोस्ट ऑफिस (GPO) की शिकायत के बाद तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। (Three big thugs arrested)
महाराष्ट्र की मुंबई पुलिस ने इस बड़े फर्जीवाड़े का पर्दाफाश किया है। शुरुआती जांच में सामने आया है कि यह गिरोह दिल्ली और बिहार से अपने नेटवर्क को संचालित कर रहा था। वह देश भर में नकली डाक टिकटों की आपूर्ति करता रहा है।

पुलिस के मुताबिक, यह गिरोह असली डाक टिकटों की हूबहू नकली प्रतियां तैयार करता। उन्हें आधे दामों पर बाजार में बेच देता था।
कई सरकारी विभागों और निजी संस्थानों को भी ये जाली टिकट बेचे गए थे। आरोपियों ने इस अवैध कारोबार से भारी मुनाफा कमाया और उनके बैंक खातों में अब तक करीब आठ करोड़ रुपये के संदिग्ध लेन-देन का खुलासा हुआ है।
एमआरए मार्ग पुलिस ने इस मामले में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 178 (धोखाधड़ी से संबंधित अपराध), 179 (फर्जी दस्तावेज बनाना), 180 (जालसाजी), 181 (फर्जी माल की बिक्री), 186 (सरकारी विभाग को नुकसान पहुंचाना) और 318 (आपराधिक षड्यंत्र) के तहत मामला दर्ज किया है।
पुलिस का कहना है कि –
यह रैकेट काफी समय से सक्रिय था और इसके तार कई राज्यों तक फैले हुए हैं। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान राकेश बिंद, शम्सुद्दीन अहमद और शाहिद रज़ा के रूप में की गई है। तीनों आरोपियों को अदालत में पेश करने के बाद 23 अक्टूबर तक पुलिस हिरासत में भेजा गया है।
पूछताछ के दौरान पुलिस (Mumbai police) को कई अहम सुराग मिले हैं, जिनके आधार पर अन्य सहयोगियों की तलाश जारी है।
Three big thugs arrested : कैेसे खुली पोल?
यह मामला तब सामने आया जब डाक विभाग के अधिकारियों ने कुछ संदिग्ध डाक लिफाफों की जांच की। जांच के दौरान पाया गया कि उन पर लगे टिकट असली नहीं, बल्कि जाली टिकट थे।
इस पर विभाग ने तुरंत पुलिस को शिकायत दी, जिसके बाद कार्रवाई शुरू की गई। फिलहाल पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि नकली टिकटों की प्रिंटिंग के लिए किस तकनीक और मशीनों का उपयोग किया गया और यह नेटवर्क किन शहरों में फैला हुआ है।
अधिकारियों का कहना है कि –
यदि समय रहते इस गिरोह को नहीं पकड़ा जाता, तो सरकारी खजाने को करोड़ों रुपये का नुकसान हो सकता था। पुलिस अब डाक विभाग और साइबर टीम की मदद से इस फर्जी नेटवर्क के डिजिटल ट्रांजैक्शन और ग्राहकों की जानकारी जुटा रही है, ताकि पूरे रैकेट की जड़ तक पहुंचा जा सके।