सीजी भास्कर, 11 सितंबर। छत्तीसगढ़ में भगवा ध्वज को लेकर मचा विवाद अब पुलिस विभाग के लिए भारी(Police Misconduct) पड़ गया है। अनुशासनहीनता और ड्यूटी में लापरवाही के आरोप में दो पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। मामला केवल झंडे तक सीमित नहीं रहा, बल्कि अब यह पुलिस की साख और राजनीतिक टकराव का मुद्दा बन चुका है।
घटना दुर्ग जिले के मचांदुर गांव की है। यहां अग्नि-वीर जवान कौशल निषाद के घर पर 3 सितंबर की रात भगवा ध्वज लगाने को लेकर विवाद हुआ था। जवान का आरोप है कि चौकी में तैनात दो आरक्षकों ने न केवल झंडा लगाने से रोका, बल्कि उसके साथ अभद्र व्यवहार (Police Misconduct) भी किया।
आदेश और कार्रवाई
इस विवाद के बाद दुर्ग एसपी ने आरक्षक 1449 महेश देवांगन और आरक्षक 623 रामकृष्ण दास, दोनों थाना उतई, को निलंबित कर दिया। आदेश में कहा गया है कि दोनों को मुख्यालय रिजर्व केंद्र दुर्ग में पदस्थ किया गया है। निलंबन अवधि(Police Misconduct) में उन्हें केवल जीवन निर्वाह भत्ता मिलेगा। पुलिस अधीक्षक का कहना है कि ड्यूटी में लापरवाही (Disciplinary Action) किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
विवाद की शुरुआत
दरअसल, कौशल निषाद अपने घर की छत पर 3 सितंबर की शाम भगवा झंडा फहरा रहे थे। इसी दौरान चौकी के दो पुलिसकर्मी वहां पहुंचे और उन्हें झंडा लगाने से रोक दिया। आरोप है कि जवान के साथ गाली-गलौज भी की गई। यह बात गांव में तेजी से फैल गई और देखते ही देखते मामला गरमा गया।
भाजयुमो का प्रदर्शन
अग्नि-वीर के साथ हुए कथित दुर्व्यवहार की खबर लगते ही भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJP Youth Protest) खुलकर सामने आ गया। बड़ी संख्या में कार्यकर्ता निषाद परिवार के घर पहुंचे और छत पर कई भगवा ध्वज फहराए। उनका कहना था कि यह आस्था और सम्मान का प्रतीक है, जिसे रोकने का अधिकार किसी को नहीं। इस दौरान माहौल बिगड़ न जाए, इसके लिए गांव में भारी पुलिस बल तैनात करना पड़ा।
पुलिस की पहली प्रतिक्रिया
तनाव को देखते हुए पहले दोनों पुलिसकर्मियों को लाइन अटैच(Police Misconduct) किया गया था। हालांकि, लगातार बढ़ते विरोध और विवाद की गंभीरता के चलते 10 सितंबर को उन्हें निलंबित करने का आदेश जारी कर दिया गया। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मामले की विस्तृत जांच (Departmental Inquiry) होगी और अगर आरोप सही पाए गए तो आगे और भी कड़ी कार्रवाई होगी।