सीजी भास्कर, 24 जुलाई |
रायपुर |
छत्तीसगढ़ की राजनीति में इस वक्त कांग्रेस के भीतर ही घमासान मचा हुआ है। हाल ही में राजधानी रायपुर में कांग्रेस के चक्काजाम प्रदर्शन के दौरान संचार विभाग के प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला और शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष गिरीश दुबे के बीच मंच पर ही तीखी बहस हो गई। इस बहस का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
इसी विवाद में अब कांग्रेस की पूर्व प्रवक्ता और वर्तमान में बीजेपी नेत्री राधिका खेड़ा भी कूद पड़ी हैं। उन्होंने वीडियो साझा करते हुए दावा किया कि उनके साथ भी पूर्व में ऐसा ही नहीं, बल्कि इससे भी बदतर व्यवहार किया गया था।
राधिका खेड़ा का गंभीर आरोप: “मेरे साथ भी हुआ था वही बर्ताव”
राधिका खेड़ा ने ट्वीट करते हुए कहा,
“जो व्यवहार आज शहर अध्यक्ष गिरीश दुबे के साथ हुआ, वही नहीं, इससे भी ज्यादा अपमानजनक व्यवहार मेरे साथ हुआ था। वही उंगली, वही गाली, वही धमकाने वाला रवैया मैंने भी झेला है।”
खेड़ा ने आरोप लगाया कि 30 अप्रैल 2024 को कांग्रेस के प्रदेश कार्यालय राजीव भवन में सुशील आनंद शुक्ला ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया था। लेकिन तब पार्टी के किसी नेता ने न उनके पक्ष में आवाज उठाई और न ही कोई कार्रवाई की गई।
उन्होंने कहा,
“जब मेरे साथ बदसलूकी हुई, तो ना प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने कुछ कहा, उल्टा मंच देकर मेरा ही चरित्र हनन किया गया। आज जब गिरीश दुबे के साथ हुआ तो भी सुशील पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।”
कांग्रेस नेतृत्व पर भी उठाए सवाल
राधिका ने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व में अब रीढ़ की हड्डी नहीं बची।
“कल मेरे साथ हुआ, आज गिरीश दुबे के साथ। कल शायद किसी और के साथ हो। लेकिन कांग्रेस नेतृत्व हमेशा चुप रहता है। भूपेश बघेल की पाठशाला के टॉपर को बचाने के लिए पूरी पार्टी बंधक बन चुकी है।”
उन्होंने यह भी पूछा कि
“आखिर सुशील शुक्ला के पास ऐसा क्या है जो कांग्रेस उनके खिलाफ बोलने से डरती है?”
कांग्रेस का पलटवार: “राधिका खेड़ा झूठे आरोप लगा रहीं”
कांग्रेस ने राधिका के आरोपों को “झूठा और मनगढ़ंत” बताया है। पार्टी के प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने बयान जारी करते हुए कहा कि राधिका खेड़ा भाजपा में राजनीतिक महत्वाकांक्षा पूरी करने गई थीं और अब सुर्खियों में बने रहने के लिए झूठे आरोप लगा रही हैं।
धनंजय ठाकुर ने कहा,
“राधिका को कांग्रेस में पूरा सम्मान मिला, लेकिन अब जब भाजपा में उनका राजनीतिक वजूद खतरे में है, तो वे ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही हैं। उन्हें छत्तीसगढ़ से ज्यादा अपने दिल्ली चुनाव क्षेत्र पर ध्यान देना चाहिए, जहां उन्हें मात्र 2000 वोट मिले थे।”
क्या था शुक्ला-दुबे विवाद का कारण?
इस पूरे विवाद पर खुद सुशील आनंद शुक्ला और गिरीश दुबे ने सफाई दी है। दोनों नेताओं ने कहा कि प्रदर्शन की शुरुआत को लेकर गलतफहमी थी। शुक्ला चाहते थे कि चक्काजाम जल्दी शुरू हो, जबकि दुबे बड़े नेताओं के आने के बाद शुरुआत करने की बात कर रहे थे। इसी को लेकर दोनों के बीच बहस हो गई।