सीजी भास्कर, 28 नवंबर। छत्तीसगढ़ के रायपुर के स्थित AIIMS में जूनियर स्टूडेंट्स से रैगिंग की घटना सामने आई है। आरोप है कि रात 12 बजे से MBBS-2023 बैच के जूनियर स्टूडेंट्स को बंद कमरे में बुलाया गया। अंदर से खिड़की दरवाजे, पंखे बंद कर दिए गए। दम घुटने से कई लड़कियां बेसुध होकर जमीन पर गिर गईं। इस दौरान सीनियर्स उन्हें गालियां देते रहे। इसके बाद भी मन नहीं भरा तो आरोपी सीनियर्स स्टूडेंट रात 2 बजे जूनियर्स को बास्केटबॉल ग्राउंड में लेकर गए। उन्हें कड़ाके की ठंड में टी-शर्ट में ही खड़ा कराया। एम्स के प्राइवेट सिक्योरिटी गॉर्डस भी यह सब देख रहे थे। करीब साढ़े 3 बजे रात को स्टूडेंट्स को वापस जाने दिया गया। हालांकि इस शिकायत पर एम्स प्रबंधन का कोई पक्ष अब तक सामने नहीं आया है। ईमेल की इस शिकायत में कितनी सच्चाई है यह जांच का विषय है।
रैगिंग से तंग आकर एक पीड़ित स्टूडेंट ने सुप्रीम कोर्ट की वकील और SAVE NGO की लीगल हेड मीरा कौर पटेल को ई-मेल पर शिकायत भेजी। मीरा ने वीडियो कर बताया कि उनके पास किसी अज्ञात स्टूडेंट का ई-मेल आया, जिसमें बताया गया कि 15-16 नवंबर 2024 की रात AIIMS में सामूहिक रैगिंग की गई है। उस समय रायपुर एम्स में ओरियाना फेस्ट चल रहा था। कार्यक्रम 14 से 17 नवंबर तक चला। इस दौरान डीजे, लाइव कॉन्सर्ट समेत कई अलग-अलग तरह के प्रोग्राम हुए। इन कार्यक्रमों के आयोजन के दौरान AIIMS के भीतर बाहर के कई स्टूडेंट भी पार्टिसिपेट करने पहुंचे थे।
अधिवक्ता मीरा ने बताया कि रात करीब 2 बजे सभी स्टूडेंट को बास्केटबॉल ग्राउंड पर लाया गया, कड़ाके की ठंड में उन्हें टी-शर्ट पहनाकर खड़ा किया गया। ये फेस्ट की टी शर्ट थी। इस दौरान सभी के फोन टेबल पर रखवा दिए गए थे। उसके बाद गालियां और धमकियां दी गई। इस दौरान एम्स की महिला और पुरुष सिक्योरिटी गार्ड्स चुपचाप खड़े होकर सब कुछ देखते रहे, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया। शिकायत में ट्रिमर से जूनियर स्टूडेंट को चेहरे के बाल काटने की धमकी दी गई। उन्हें सेविंग कराने के लिए कहा गया। रात करीब 3:30 तक यह सब चलता रहा। उसके बाद उन्हें वापस जाने के अनुमति दी गई।
अधिवक्ता को भेजे गए ई-मेल के अनुसार इस घटना के बाद कई लोग बुरी तरह मानसिक रूप से प्रताड़ित हैं। ई-मेल में कुछ स्टूडेंट्स को जिम्मेदार भी ठहराया गया है। अधिवक्ता मीरा ने कहा कि रैगिंग का अपराध गंभीर मामलों की श्रेणी में आता है। रायपुर एम्स में जो घटित हुआ उसमें कई स्टूडेंट की जान को भी खतरा था। जो बीएनएस कानूनों के अपराधों में आता है। इस ईमेल को देखकर लग रहा है कि एम्स प्रबंधन ने मामले को बिल्कुल भी गंभीरता से नहीं लिया है। इससे और ज्यादा चांसेस है कि रैगिंग बढ़ेगी। अगर AIIMS प्रबंधन नियम अनुसार ऐसा नहीं करते तो एम्स के डायरेक्टर के खिलाफ भी बीएनएस की 211 और 239 के अंतर्गत शिकायत दर्ज करवाई जा सकती है।