सीजी भास्कर, 18 जुलाई |
रायगढ़, छत्तीसगढ़ – मानसून आते ही रायगढ़ जिले में सांप काटने की घटनाएं तेजी से बढ़ गई हैं। मेडिकल कॉलेज अस्पताल के आंकड़ों के अनुसार, पिछले 911 दिनों में 642 लोग सर्पदंश का शिकार हुए, जिनमें से 49 लोगों की मौत हो चुकी है। हर दिन अस्पताल में औसतन 3-4 मरीज ऐसे पहुंच रहे हैं, जिन्हें सांप ने डसा है।
आंकड़े बताते हैं डरावनी सच्चाई
- सांप काटने के कुल केस (जनवरी 2023 – जून 2025): 642
- मौतें: 49
- पुरुष मरीज: 402
- महिला मरीज: 240
- जून-जुलाई में सबसे अधिक मामले दर्ज
- 2023: 80 केस
- 2024: 101 केस
- 2025 (केवल जून): 57 केस
डॉक्टरों के मुताबिक, इनमें से लगभग 50% मामलों में जहर नहीं होता, लेकिन इलाज में देरी से जान पर बन आती है।
क्यों मानसून में बढ़ते हैं सांप के हमले?
सर्प विशेषज्ञों का कहना है कि जून-जुलाई सांपों के बाहर निकलने का मौसम होता है। इस दौरान बारिश के चलते उनका ठिकाना बदलता है और वो इंसानी बस्तियों की ओर बढ़ते हैं। यही वजह है कि रेस्क्यू कॉल्स की संख्या भी बढ़ जाती है।
रायगढ़ में पाई जाने वाली 21+ प्रजातियां
रायगढ़ जिले में 21 से ज्यादा प्रजातियों के सांप पाए जाते हैं। इनमें जहरीले, कम जहरीले और बिना जहर वाले सांप शामिल हैं।
जहरीले सांप:
- भारतीय नाग (Indian Cobra)
- रसल्स वाइपर
- कॉमन करैत
- बैंडेड करैत
- सॉ स्केल्ड वाइपर
- बैंबू पीट वाइपर
कम जहरीले:
- कॉमन कैट स्नेक
- फोरस्टेन कैट स्नेक
बिना जहर वाले:
- पायथन
- सेंड बोआ
- रैट स्नेक
- ब्रॉन्ज बैक ट्री स्नेक
- वूल्फ स्नेक (कॉमन, बैरिड)
- कुकरी स्नेक
- चेकर्ड किल बैक
- ब्रहमिनी ब्लाइंड स्नेक
सावधानी ही बचाव है – सर्पदंश से बचने के उपाय
- झाड़फूंक या देसी इलाज से बचें, तुरंत अस्पताल जाएं।
- 1.5 घंटे के अंदर इलाज शुरू होना बेहद जरूरी है।
- रात में मच्छरदानी का उपयोग करें, जमीन पर न सोएं।
- खेत या जंगलों में काम करते वक्त जूतों और मोटे कपड़ों का प्रयोग करें।