सीजी भास्कर, 7 नवंबर। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी एप 1xBet से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस (Raina Dhawan ED News) में बड़ी कार्रवाई की है। एजेंसी ने गुरुवार को पूर्व भारतीय क्रिकेटर सुरेश रैना और शिखर धवन की कुल 11.14 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की। ईडी ने बताया कि धवन की दिल्ली में 4.5 करोड़ की कमर्शियल प्रॉपर्टी और रैना के 6.64 करोड़ रुपये के म्यूचुअल फंड्स को अंतरिम आदेश के तहत जब्त किया गया है। यह कार्रवाई मनी लांड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत की गई है।
1xBet सट्टेबाजी से जुड़ा बड़ा नेटवर्क
ईडी की जांच में खुलासा हुआ है कि “1xBet” नामक ऑनलाइन बेटिंग प्लेटफॉर्म (Raina Dhawan ED News) भारत में अवैध सट्टेबाजी को बढ़ावा दे रहा था। एजेंसी ने इस केस में युवराज सिंह, रॉबिन उथप्पा, सोनू सूद, उर्वशी रौतेला, मिमी चक्रवर्ती और अंकुश हाजरा से भी पूछताछ की है। ईडी ने अब तक 60 से ज्यादा बैंक खाते फ्रीज किए हैं, जिनमें चार करोड़ रुपये से अधिक की राशि ब्लॉक की जा चुकी है। जांच में पता चला कि ये प्लेटफॉर्म्स फर्जी विदेशी सर्वर, क्रिप्टो और पेमेंट गेटवे के जरिये अवैध धन को भारत में लाने का काम कर रहे थे।
भारत सरकार ने हाल ही में ऑनलाइन सट्टेबाजी और रियल-मनी गेमिंग पर कड़ा प्रतिबंध लगाया है। लेकिन प्रतिबंध के बावजूद, मार्केट रिपोर्ट्स के अनुसार, 22 करोड़ से ज्यादा भारतीय यूजर्स अब भी ऐसे प्लेटफॉर्म्स (Raina Dhawan ED News) से जुड़े हैं। इनमें से करीब 50 प्रतिशत यूजर्स नियमित रूप से सट्टेबाजी में शामिल हैं।
कैसे फंसे रैना और धवन इस जांच में
ईडी के सूत्रों के मुताबिक, दोनों खिलाड़ियों ने “1xBet” और उससे जुड़ी कंपनियों के साथ ब्रांड प्रमोशन कॉन्ट्रैक्ट्स किए थे। इन सौदों के भुगतान विदेशी खातों और बिचौलियों के माध्यम से किए गए, ताकि सट्टेबाजी से कमाए गए पैसों के स्रोत को छिपाया जा सके। जांच में सामने आया है कि रकम को कई चरणों में घुमाया गया, जिससे उसे कानूनी प्रमोशनल इनकम दिखाया जा सके। ईडी ने कहा कि यह स्पष्ट मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध फंड रूटिंग का मामला है।
अंतरराष्ट्रीय कड़ी तक पहुंचेगी जांच
ईडी अब इस नेटवर्क से जुड़े विदेशी खातों, विज्ञापन एजेंसियों और कंपनियों की फॉरेंसिक जांच कर रही है। अधिकारियों का कहना है कि (Raina Dhawan ED news) आने वाले दिनों में अन्य सेलेब्रिटीज़ और कॉर्पोरेट नाम भी सामने आ सकते हैं। एजेंसी ने साफ किया है कि इस केस में “शून्य सहिष्णुता नीति” अपनाई जाएगी।
