सीजी भास्कर, 23 अगस्त : मध्य प्रदेश की तर्ज पर राजधानी रायपुर में पुलिस कमिश्नर प्रणाली (Raipur Police Commissioner System) लागू होने जा रही है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय द्वारा की गई इस घोषणा ने पुलिस मुख्यालय से लेकर राजनीतिक गलियारों तक चर्चाओं का बाजार गर्म कर दिया है। सबसे बड़ी जिज्ञासा इस बात को लेकर है कि रायपुर का पहला पुलिस कमिश्नर कौन होगा। इस दौड़ में फिलहाल चार वरिष्ठ आइपीएस अफसरों के नाम सबसे आगे बताए जा रहे हैं।
चार नाम चर्चा में
पुलिस मुख्यालय से मिली जानकारी के अनुसार इस पद की दौड़ में बस्तर रेंज के आइजी सुंदरराज पी, मुख्यमंत्री साय के सचिव राहुल भगत, रायपुर रेंज के आइजी अमरेश मिश्रा और पुलिस मुख्यालय में पदस्थ अजय यादव के नाम प्रमुख रूप से चर्चा में हैं। इनमें सुंदरराज पी 2003 बैच, अजय यादव 2004 बैच जबकि राहुल भगत और अमरेश मिश्रा 2005 बैच के अधिकारी हैं। सुंदरराज पी लंबे समय से बस्तर में माओवादी मोर्चे पर तैनात हैं और केंद्र तथा राज्य स्तर पर उनकी पकड़ मजबूत मानी जाती है।
वहीं, राहुल भगत मुख्यमंत्री के सचिव होने के साथ उनके विश्वसनीय अधिकारियों में गिने जाते हैं। अमरेश मिश्रा रायपुर रेंज के आइजी होने के साथ ही ईओडब्ल्यू और एसीबी के प्रमुख भी हैं। अजय यादव पहले रायपुर में एसएसपी रह चुके हैं और स्थानीय पहचान रखने वाले अफसर हैं। (Raipur Police Commissioner System) में इन नामों की चर्चा लगातार तेज होती जा रही है।
एडीजी या आइजी स्तर पर होगा फैसला
अब तक यह स्पष्ट नहीं है कि रायपुर का पहला पुलिस कमिश्नर एडीजी स्तर के अधिकारी होंगे या फिर आइजी स्तर के। पुलिस मुख्यालय में इस पर कयासबाजी जारी है। सूत्रों की मानें तो सरकार नवंबर या दिसंबर तक नए सेटअप के साथ पुलिस कमिश्नर की नियुक्ति कर सकती है। गृह विभाग इस पूरी प्रक्रिया को देख रहा है और अधिकारियों की पोस्टिंग का खाका तैयार कर रहा है। (Raipur Police Commissioner System) को लागू करने के लिए मध्य प्रदेश और अन्य राज्यों के मॉडल का अध्ययन किया जा रहा है।
मध्य प्रदेश की प्रणाली का अध्ययन
छत्तीसगढ़ सरकार ने इस नई व्यवस्था को लागू करने से पहले मध्य प्रदेश की पुलिस कमिश्नरी प्रणाली का अध्ययन शुरू कर दिया है। वहां एडीजी रैंक का अधिकारी पुलिस आयुक्त (Police Commissioner) होता है, जबकि आइजी रैंक का अधिकारी संयुक्त पुलिस आयुक्त (Joint Commissioner of Police) के पद पर तैनात किया जाता है। इसके अलावा डीआईजी रैंक के अफसरों को अपर पुलिस आयुक्त (Additional Joint Commissioner of Police) बनाया जाता है। इनकी जिम्मेदारियां अलग-अलग क्षेत्रों जैसे क्राइम और लॉ एंड ऑर्डर के आधार पर तय होती हैं। मध्य प्रदेश में इस सिस्टम के तहत पुलिस कमिश्नर से लेकर टीआई तक कुल 62 पदों का प्रावधान है।
रायपुर में होगा नया सेटअप
रायपुर में भी इसी तरह का ढांचा तैयार करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। अनुमान है कि अगले दो से तीन महीने में पुलिस कमिश्नर प्रणाली पूरी तरह से लागू हो जाएगी। इसके बाद सरकार वरिष्ठ अधिकारियों में से किसी एक को कमिश्नर के रूप में पदस्थ करेगी। (Raipur Police Commissioner System) के लागू होने से राजधानी रायपुर की पुलिसिंग व्यवस्था अधिक सशक्त और जवाबदेह बनने की उम्मीद है।