रायपुर, छत्तीसगढ़। राजधानी रायपुर में राशन वितरण प्रणाली में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। वन नेशन, वन राशन कार्ड योजना के तहत की गई E-KYC प्रक्रिया में यह खुलासा हुआ है कि 4027 राशन कार्डधारी दो राज्यों से पीडीएस (सार्वजनिक वितरण प्रणाली) का लाभ उठा रहे थे।
इनमें ज्यादातर अंत्योदय और प्राथमिकता श्रेणी के कार्डधारी हैं, जिनके राशन कार्ड में 7-8 सदस्यों के नाम हैं। जांच में सामने आया कि कुछ सदस्य छत्तीसगढ़ में रह रहे हैं और बाकी किसी अन्य राज्य में, लेकिन दोनों जगहों से मुफ्त राशन लिया जा रहा था।
कैसे किया गया फर्जीवाड़ा?
वन नेशन वन राशन कार्ड योजना की पोर्टेबिलिटी सुविधा का दुरुपयोग कर लोगों ने एक ही कार्ड का उपयोग दो राज्यों में किया। कुछ मामलों में आधार लिंक होने के बावजूद डेटा रीयल टाइम में अपडेट नहीं हुआ, जिससे यह घोटाला काफी समय तक चलता रहा।
भौतिक सत्यापन की कमी बनी वजह
तकनीकी खामियों और भौतिक सत्यापन की लचर प्रक्रिया के चलते डुप्लीकेट एंट्री बनी रही। खाद्य विभाग ने अब फिजिकल वेरिफिकेशन कर इन कार्डों पर राशन वितरण रोक लगा दी है।
राशन कार्ड की श्रेणियां और लाभ:
प्राथमिकता कार्ड:
1 रु./किलो चावल।
1 सदस्य = 10 किलो
2 सदस्य = 20 किलो
3-5 सदस्य = 35 किलो
5 से अधिक सदस्य = प्रति सदस्य 7 किलो
अंत्योदय कार्ड:
गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वालों के लिए।
मासिक 35 किलो चावल @ ₹1/किलो।
APL कार्ड:
सामान्य वर्ग के लिए नई प्रक्रिया शुरू।
1 सदस्य = 10 किलो,
2 सदस्य = 20 किलो,
3 या अधिक = 35 किलो चावल/माह।
सबसे चौंकाने वाली बात
जिन 4027 कार्डधारियों का खुलासा हुआ है, उनके कार्ड में दर्ज सदस्य दो अलग-अलग राज्यों में रह रहे हैं और दोनों जगहों से राशन लिया गया है। इससे सरकारी राशन वितरण प्रणाली में भारी गड़बड़ी हुई है।
छत्तीसगढ़ शासन अब सख्त
राज्य सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और जल्द ही डुप्लीकेट राशन कार्डों को रद्द कर सख्त कार्रवाई की जाएगी। ई-केवाईसी अनिवार्य करने के साथ-साथ रीयल-टाइम डेटा इंटीग्रेशन पर भी काम किया जा रहा है।