दिल्ली , 11 मार्च 2025 :
दिल्ली पुलिस ने अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ अभियान चलाया है। बाहरी जिले से तीन और उत्तरी जिले से दो बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार कर उन्हें निर्वासन केंद्र भेज दिया गया है। इनमें से एक के पास भारतीय वोटर कार्ड भी मिला है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।तीनों को फॉरेन रीजनल रजिस्ट्रेशन ऑफिस में पेश कर डिपोर्ट करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
पुलिस ने बाहरी जिले में अवैध रूप से रह रहे तीन बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार कर डिपोर्ट के लिए भेज दिया है। आरोपियों की पहचान बांग्लादेश के कुरीग्राम निवासी सफरुद्दीन, इब्राहिम और सोराब के रूप में हुई है।
उत्तरी जिला पुलिस ने सदर बाजार इलाके में रहने वाले एक बांग्लादेशी और उसके बेटे को भी गिरफ्तार किया है। आरोपियों के पास वोटर कार्ड भी मिला है। इनकी पहचान मोहम्मद बिलाल और बेटे मोहम्मद फारूक के रूप में हुई है। पुलिस ने गिरफ्तार बांग्लादेशियों को डिपोर्ट के लिए डिटेंशन सेंटर भेज दिया है।
नागरिकों की पहचान के लिए सत्यापन अभियान
बाहरी जिला पुलिस उपायुक्त सचिन शर्मा ने बताया कि जिले की फॉरेन सेल लगातार दिल्ली में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान के लिए सत्यापन अभियान चला रही है। इसी के तहत 10 मार्च को फॉरेन सेल को कुछ संदिग्धों के पीरागढ़ी इलाके में घूमने की सूचना मिली।
पुलिस ने इलाके में गश्त बढ़ा दी। पुलिस को तीन व्यक्ति पीरागढ़ी कैंप की तरफ जाते दिखाई दिए। तीनों प्राचीन काली माता मंदिर के पीछे बंगाली में बात कर रहे थे। पुलिसकर्मियों ने तीनों को हिरासत में ले लिया। पहले तो संदिग्धों ने बताया कि वे पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं। लेकिन सख्ती से पूछताछ करने पर तीनों ने खुद को बांग्लादेशी नागरिक बताया।
तीनों ने अपना नाम सफरुद्दीन, इब्राहिम और सोराब बताया। आरोपियों ने बताया कि सत्यापन के चलते वे इस इलाके में छिपने के लिए झुग्गी-झोपड़ी की तलाश कर रहे थे। पुलिस ने तीनों को फॉरेन रीजनल रजिस्ट्रेशन ऑफिस में पेश कर डिपोर्ट करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
पुलिस ने 833 लोगों की जांच की
पुलिस अधिकारी ने बताया कि पुलिस टीम ने अवैध बांग्लादेशियों की पहचान के लिए पीवीसी मार्केट मुंडका, बाबा हरिदास कॉलोनी टिकरी बॉर्डर मुंडका, पी-4 ब्लॉक सुल्तान पुरी, बेनीवाल लोहा मंडी राज पार्क, इंद्र झील 80 गज राज पार्क और हनुमान मंदिर कमरुद्दीन नगर इलाकों में छापेमारी की और 833 लोगों की जांच की।जिसमें से 267 संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान की गई। जिसमें से 174 ने बताया कि वे पश्चिम बंगाल और 93 असम के रहने वाले हैं। इनकी पुष्टि के लिए पुलिस टीम पश्चिम बंगाल और असम में जांच कर रही है।
एक अन्य मामले में उत्तरी जिला पुलिस ने 7 मार्च को सदर बाजार इलाके में छिपे एक बांग्लादेशी नागरिक को गिरफ्तार किया। उसकी पहचान मोहम्मद बिलाल के रूप में हुई है। उसके पास से भारतीय वोटर कार्ड बरामद हुआ है।
पुलिस ने उसके बेटे मोहम्मद फारूक को 10 मार्च को गिरफ्तार किया। वह नई बस्ती इलाके में किराए के मकान में रह रहा था और इलाके में केबल ऑपरेटर का काम करता था। पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है और यह भी पता लगा रही है कि क्या उन दोनों ने इस साल हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में वोट दिया था या नहीं।