संदीप साहू बोले- बगावत कर चुनाव लड़ने का मिला इनाम
सीजी भास्कर, 18 अप्रैल। कांग्रेस से टिकट न मिलने पर निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले पार्षद आकाश तिवारी को रायपुर नगर निगम का नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने पर पार्टी के भीतर विरोध शुरू हो गया है।
वार्ड नंबर-1 के कांग्रेस पार्षद संदीप साहू अपने समर्थकों के साथ राजीव भवन पहुंच गए। पार्टी के प्रभारी महामंत्री मलकित सिंह गैदू के दफ्तर में इस फैसले के विरोध में जमकर हंगामा किया।
वहीं, पार्टी के इस फैसले से नाराज होकर शहर जिला कांग्रेस के संयुक्त महामंत्री लीलाधर साहू ने इस्तीफा दे दिया है।
उन्होंने कहा कि, कांग्रेस अगर यह फैसला वापस नहीं लेती, तो साहू समाज के लोग भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर प्रदर्शन करेंगे।
पहले संदीप साहू को बनाया गया था नेता प्रतिपक्ष
दरअसल, नगर निगम बजट के पहले शहर जिला कांग्रेस कमेटी ने संदीप साहू को नेता प्रतिपक्ष घोषित किया था। इसके लिए लेटर भी जारी कर दिया गया था। संदीप का दावा है कि उनकी नियुक्ति PCC की पर्यवेक्षक प्रतिमा चंद्राकर की मौजूदगी में, सभी पार्षदों और विधायकों से चर्चा के बाद हुई थी।
बाकायदा पीसीसी की पर्यवेक्षक प्रतिमा चंद्राकर ने सभी छाया पार्षदों और विधायकों से चर्चा करने के बाद उनके नाम का ऐलान किया गया था। पार्षद दल का नेता चुनने के लिए चुने हुए नेताओं से भी बात की और फिर नगर निगम आयुक्त और महापौर को लेटर भी भेजा गया था।
रातों रात बदला आदेश, बगावती नेता को मिली ज़िम्मेदारी
बुधवार रात कांग्रेस की ओर से 10 नगर निगमों के नेता प्रतिपक्ष और उप नेता प्रतिपक्ष के नामों की नई लिस्ट जारी की गई। इसमें रायपुर से आकाश तिवारी को नेता प्रतिपक्ष और जयश्री नायक को उप नेता प्रतिपक्ष बनाया गया है। इससे पार्टी के भीतर नाराज़गी बढ़ गई है।
बगावत कर चुनाव लड़ने वाले को तोहफा क्यों- संदीप साहू
संदीप साहू ने कहा कि, “मैं पार्टी का सच्चा कार्यकर्ता हूं, मुझे सभी पार्षदों और पर्यवेक्षकों की सहमति से चुना गया था। लेकिन पार्टी ने एक बागी नेता को, जो कांग्रेस से बाहर जाकर निर्दलीय लड़ा, उसे वापसी के साथ ही नेता प्रतिपक्ष बना दिया। क्या ये बगावत करने का इनाम है?”
अगर फैसला वापस नहीं हुआ तो करेंगे प्रदर्शन- लीलाधर साहू
संयुक्त महामंत्री पद से इस्तीफा देने वाले लीलाधर साहू ने कहा कि, “कांग्रेस ने पहली बार किसी साहू को नेता प्रतिपक्ष बनाया था, लेकिन अब उसका अपमान किया गया है। अगर ये फैसला वापस नहीं होता, तो कांग्रेस कार्यकर्ता और साहू समाज मिलकर बड़ा विरोध करेंगे।”
समाज की तरफ से भेजा जाएगा निंदा प्रस्ताव
इस फैसले के विरोध में साहू समाज युवा प्रकोष्ठ रायपुर के जिला संयोजक देवदत्त साहू और उनकी टीम कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज और जिला अध्यक्ष गिरीश दुबे को एक निंदा पत्र सौंपेगी और मांग करेगी कि अगले 24 घंटे के अंदर संदीप साहू को दोबारा नेता प्रतिपक्ष बनाया जाए।
अगर ये मांग पूरी नहीं होती, तो पूरा साहू समाज एकजुट होकर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करेगा, जिसमें समाज के हर वर्ग से शामिल होने की अपील की जा रही है।
उनका कहना है कि कांग्रेस पार्टी के पार्षद संदीप साहू को बिना किसी जानकारी के नेता प्रतिपक्ष के पद से हटाना न सिर्फ गलत है, बल्कि ये पूरे साहू समाज के सम्मान के खिलाफ भी है। इस फैसले की कड़ी निंदा की जा रही है।
बगावत से वापसी तक
चुनाव के वक्त जब कांग्रेस ने आकाश तिवारी को टिकट नहीं दिया, तो उन्होंने बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीत गए। तब पार्टी ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया था।
लेकिन अब वही पार्टी उन्हें वापस लेकर नेता प्रतिपक्ष बना रही है। यही बात अब कांग्रेस के अंदर सवाल और बगावत की वजह बन गई है।