सीजी भास्कर, 15 सितंबर। इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो ने क्षेत्र में हलचल मचा दी है। वीडियो में कुछ बालिकाएं एक महिला के साथ दिखीं, जो उन्हें कहीं ले जा रही थी। बच्चों के स्वजन का कहना है कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई थी। सूत्रों के मुताबिक, बालिकाओं के माता-पिता और समुदाय के लोग यह देखकर चिंतित हो गए कि बच्चों को पैसे या प्रलोभन देकर किसी धार्मिक कार्यक्रम (Religious Conversion) में शामिल किया जा रहा है। इस घटना ने स्थानीय लोगों में भारी नाराजगी और चिंता पैदा कर दी है।
ग्रामीणों और धर्म रक्षा समिति से जुड़े लोग रविवार को वीडियो देखकर तुरंत थाने पहुंचे और लिखित शिकायत दर्ज कराई। आरोप है कि महिला प्रलोभन देकर बालिकाओं को अपने साथ ले जा रही थी और उन्हें किसी चर्च या धार्मिक सभा में ले जाने का प्रयास कर रही थी। पुलिस ने इस शिकायत के आधार पर जांच शुरू कर दी है।
घटना मैनपाट ब्लॉक, सरगुजा जिला, छत्तीसगढ़ में हुई। आरोप है कि ग्राम सरभंजा की महिला आरती माझी ने माझी और मझवार जनजाति के बच्चों को चर्च और चंगाई सभा में ले जाने की कोशिश की। इस मामले में छत्तीसगढ़ धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम 1968 की धारा 5 (क) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस ने बच्चों के स्वजन के बयान भी दर्ज किए हैं, जिसमें बताया गया कि पिछले कई सप्ताह से यह क्रम चल रहा था और उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं दी गई थी।
स्थानीय लोगों का कहना है कि जब बड़े लोग चर्च और चंगाई सभा में नहीं जाते तो महिला ने बच्चों को पैसे देकर अपने साथ ले जाने की कोशिश की। ग्रामीणों ने बालिकाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
वीडियो में महिला ने खुद स्वीकार किया कि उसने बालिकाओं के स्वजन से अनुमति नहीं ली थी। विधायक रामकुमार टोप्पो ने कहा कि जांच पूरी होने के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस पूरे मामले में (Religious Conversion) का आरोप सामने आया है। पुलिस और समुदाय दोनों ही सतर्क हैं और बालिकाओं की सुरक्षा के लिए जांच में तेजी लाई जा रही है।