छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ ताबड़तोड़ एक्शन जारी है. इस बीच दंतेवाड़ा DRG और बस्तर फाइटर्स ने सोमवार को 45 लाख रुपए की ईनामी महिला नक्सली को मार गिराया. जवानों ने जिस महिला नक्सली को ढेर किया है, वो सेंट्रल रीजनल ब्यूरो प्रेस टीम की इंचार्ज है. देश में ऐसा पहली बार हुआ है. मारी गई नक्सली का नाम रेणुका है और वो नक्सलियों के इस विंग की सबसे बड़ी लीडर थी.
50 साल की रेणुका छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, तेलंगाना और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में मोस्ट वांटेड थी. छत्तीसगढ़ सरकार ने रेणुका पर 25 लाख और तेलंगाना सरकार ने 20 लाख का इनाम रखा था.वो तेलंगाना के वारंगल की रहने वाली थी. साल 1996 को नक्सल संगठन में भर्ती हुई थी. खास बात ये है कि रेणुका ने LLB की पढ़ाई की थी. नक्सल संगठन के लिए दस्तावेज तैयार करने का काम करती थी. लिखने-पढ़ने में अव्वल थी, इसलिए नक्सलियों ने इसे देशभर में माओवाद संगठन का प्रेस टीम इंचार्ज बनाया था. ये नक्सलियों के प्रेस टीम की देशभर में सबसे बड़ी लीडर थी। अब नक्सलियों के प्रेस टीम के जो लीडर हैं वे इससे छोटे कैडर के हैं. रेणुका नक्सल संगठन की ओर से प्रेस विज्ञप्ति जारी करना और कई पत्रिका जैसे प्रभात, महिला मार्गम, आवामी जंग समेत अन्य के प्रकाशन का काम करती थी.
खास बात ये है कि रेणुका का सगा भाई गुड़सा उसेंडी बड़े कैडर का नक्सली था, जिसने साल 2014 में तेलंगाना पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया था. वहीं रेणुका ने 2005 में सेन्ट्रल कमेटी मेंबर शंकामुरी से शादी की थी, उस पर 1 करोड़ रुपए का इनाम घोषित था. हालांकि, 2010 में आंध्र प्रदेश पुलिस द्वारा मुठभेड़ में वह मारा गया था.
दरअसल, पुलिस को सूचना मिली थी कि नेलगोड़ा, इकेली, बेलनार के मध्य जंगल में करीब 10 से 15 की संख्या में नक्सली मौजूद हैं. इसी के आधार पर DRG और बस्तर फाइटर्स के जवानों को ऑपरेशन पर निकाला गया था. सोमवार 31 मार्च की सुबह करीब 9 बजे जवानों और नक्सलियों की पहाड़ी में मुठभेड़ हुई. दोनों तरफ से करीब 2 घंटे तक पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई. एनकाउंटर के बाद जवानों को 1 महिला नक्सली का शव बरामद हुआ जिसकी पहचान रेणुका के रुप में हुई. इसके पास से पुलिस ने इंसास राइफल और लैपटॉप समेत अन्य हथियार बरामद किए हैं. माना जा रहा है कि इसके लैपटॉप से नक्सल संगठन से जुड़े कई दस्तावेज मिल सकते हैं.