सीजी भास्कर, 3 नवंबर। छत्तीसगढ़ रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (RERA Update) ने घर खरीदारों के लिए एक अहम स्पष्टीकरण जारी किया है। प्राधिकरण ने साफ कहा है कि किसी परियोजना की “विस्तार अवधि” (Extension Period) का अर्थ यह नहीं है कि “आधिपत्य तिथि” (Possession Date) अपने आप आगे बढ़ जाएगी। RERA ने इस भ्रम को दूर करते हुए कहा है कि परियोजना की अवधि बढ़ाना केवल निर्माण कार्य पूरा करने की अनुमति देना है, न कि खरीदारों को घर देने की तिथि को आगे खिसकाना।
खरीदारों को समय पर मकान दिलाना
रेरा अधिनियम 2016 का मुख्य उद्देश्य यही है कि पंजीकृत परियोजनाएं तय समयसीमा के भीतर पूरी हों और खरीदारों को उनका घर समय पर मिल सके। रेरा ने कहा कि कई खरीदार यह मान लेते हैं कि जब परियोजना की अवधि बढ़ाई जाती है, तो फ्लैट का कब्जा भी देर से मिलेगा जबकि ऐसा नहीं है।
क्या है ‘परियोजना की वैधता अवधि’
रेरा के मुताबिक, परियोजना की वैधता अवधि वह होती है जिसे प्रमोटर (Builder/Promoter) पंजीयन के समय घोषित करता है। यह अवधि रेरा अधिनियम की धारा 4(2)(l)(C) के तहत निर्धारित होती है और इसी दौरान बिल्डर निर्माण कार्य पूरा करने का वादा करता है। ‘आधिपत्य तिथि’ वह समय होती है जो खरीदार और बिल्डर के बीच हुए Agreement for Sale में स्पष्ट रूप से लिखी जाती है। यह वह दिन होता है जब खरीदार को फ्लैट या प्लॉट का वास्तविक कब्जा सौंपा जाना है।
अगर बिल्डर समय पर काम पूरा न करे तो
रेरा ने बताया कि यदि प्रमोटर तय समय पर निर्माण कार्य पूरा नहीं कर पाता, तो वह रेरा से परियोजना विस्तार की अनुमति ले सकता है। हालांकि, इसका अर्थ यह बिल्कुल नहीं है कि खरीदार को कब्जा देने की तिथि भी आगे बढ़ जाएगी। रेरा अधिनियम की धारा 18 के तहत, यदि प्रमोटर तय तिथि पर आधिपत्य नहीं देता है, तो खरीदार को ब्याज या पूरी धनवापसी का अधिकार है। खरीदार रेरा पोर्टल पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज कर सकते हैं और मुआवजे की मांग कर सकते हैं।
रेरा का संदेश घर खरीदारों के लिए
छत्तीसगढ़ रेरा ने अपने बयान में कहा कि “परियोजना विस्तार का अर्थ आधिपत्य तिथि का विस्तार नहीं है। प्राधिकरण ने सभी घर खरीदारों से अपील की है कि वे Agreement for Sale में दी गई आधिपत्य तिथि को ध्यान से पढ़ें, ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार की गलतफहमी या विवाद से बचा जा सके। रेरा ने नागरिकों को सलाह दी है कि वे परियोजना से जुड़ी सभी जानकारी रेरा पोर्टल पर देखें, पंजीकृत बिल्डरों से ही संपत्ति खरीदें, और अगर तय समय पर कब्जा नहीं मिले तो तुरंत शिकायत दर्ज करें। यह कदम घर खरीदारों को ठोस कानूनी सुरक्षा प्रदान करेगा और रियल एस्टेट सेक्टर में पारदर्शिता को बढ़ाएगा।
