सीजी भास्कर, 25 अप्रेल। Reliance Industries March Quarter Results: रिलायंस इंडस्ट्रीज ने जनवरी-मार्च 2025 तिमाही के नतीजे का ऐलान कर दिया है। इस दौरान कंपनी का नेट प्रॉफिट 19,407 करोड़ रुपये दर्ज किया गया।
Reliance Industries March Quarter Results : रिलायंस इंडस्ट्रीज ने जनवरी-मार्च 2025 तिमाही के नतीजे का ऐलान कर दिया है।
इस दौरान कंपनी का नेट प्रॉफिट 19,407 करोड़ रुपये दर्ज किया गया, जो पिछली तिमाही के 18,540 करोड़ और पिछले वित्तीय वर्ष की समान अवधि के 18,951 करोड़ रुपये से अधिक है।
इस दौरान कंपनी का रेवेन्यू 2.61 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछली तिमाही के 2.40 लाख करोड़ और पिछले साल की समान तिमाही के 2.36 लाख करोड़ से अधिक है।
कंपनी का कंसोलिडेटेड एबिटा भी बढ़ा
रिलायंस इंडस्ट्रीज के कंसोलिडेटेड एबिटा ने भी शानदार बढ़त दर्ज की है। यह वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही में 43,832 करोड़ रुपये रहा, जो पिछली तिमाही के 43,789 करोड़ और पिछले साल की समान तिमाही के 42,516 करोड़ से अधिक है। वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही आरआईएल का एबिटा मार्जिन थोड़ा घटकर 16.8 परसेंट पर आ गया है, जो वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही में 18 परसेंट पर था।
RIL का ऑपरेशनल रेवेन्यू भी बढ़ा
वित्त वर्ष 2024-25 में ऑपरेशंस से कंपनी का कंसोलिडेटेड रेवेन्यू पिछले साल के 240715 से 10 परसेंट बढ़कर 264573 करोड़ रुपये हो गया है। वहीं, पूरे वित्त वर्ष के दौरान ऑपरेशंस से रिलायंस इंडस्ट्रीज का कंसोलिडेटेड रेवेन्यू 980136 करोड़ रुपये पर आ गया, जो एक साल पहले 914472 था।
इस दौरान कंपनी का खर्च भी बढ़ा है, जो मार्च 2024 के 217529 करोड़ के मुकाबले बढ़कर 240375 हो गया है। कंपनी का शुद्ध मुनाफा वित्त वर्ष 2024 के 69621 करोड़ के मुकाबले 69648 करोड़ हो गया है।
कंपनी के ओ2सी (ऑयल टू कैमिकल) बिजनेस ने भी अच्छा ग्रोथ हासिल किया है। 15.4 परसेंट की बढ़त के साथ इसका रेवेन्यू 1.65 ट्रिलियन रुपये तक पहुंच गया है। वहीं, जियो का भी एवरेज रेवेन्यू पिछली तिमाही के 203.3 रुपये से बढ़कर 206.2 रुपये हो गया है।
कंपनी ने डिविडेंड का किया ऐलान
वित्त वर्ष 2025 के लिए कंपनी के बोर्ड ने 5.50 रुपये प्रति शेयर डिविडेंड की भी सिफारिश की है। यानि के रिलायंस के शेयर होल्डर्स को हर शेयर पर 5.50 रुपये मिलेंगे।
आरआईएल के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा कि “वित्त वर्ष 2025 वैश्विक कारोबारी माहौल के लिए एक चुनौतीपूर्ण साल रहा है, जिसमें मैक्रोइकोनॉमिक्स कंडीशन और जियो पॉलिटिकल लैंडस्केप में बदलाव देखने को मिला है।
ऑपरेश्नल डिसिप्लीन, कस्टमर-सेंट्रिक इनोवेशन और देश के विकास की आवश्यकताओं पर हमारे फोकस ने रिलायंस को वर्ष के दौरान एक स्थिर वित्तीय प्रदर्शन करने में मदद की है।''