सीजी भास्कर, 28 जुलाई |
छत्तीसगढ़, 21 जुलाई: आबकारी आरक्षक भर्ती परीक्षा में इस बार नियमों की सख्ती और व्यवस्थाओं की अनदेखी ने हज़ारों परीक्षार्थियों को परेशानी में डाल दिया। रविवार को आयोजित इस परीक्षा में कई अभ्यर्थियों को केवल ड्रेस कोड या रिपोर्टिंग टाइम की गड़बड़ियों के कारण परीक्षा केंद्रों में घुसने ही नहीं दिया गया। नतीजा – नाराज अभ्यर्थियों ने सड़क से लेकर प्रशासनिक दफ्तरों तक हंगामा किया।
1. ड्रेस कोड बना सबसे बड़ी परेशानी
परीक्षा में फुल स्लीव, डार्क कलर और डिजिटल डिवाइस वाले कपड़ों पर रोक थी, लेकिन इसको लेकर कोई स्पष्ट जानकारी पहले से नहीं दी गई थी। नतीजतन, कई परीक्षार्थियों को गेट पर ही रोक दिया गया। कुछ ने वहीं दुकानों से हल्के रंग के कपड़े खरीदे, तो कुछ को घर लौटना पड़ा। भिलाई, रायगढ़ और अंबिकापुर में ऐसे दृश्य आम दिखे।
- अंबिकापुर में एक ऑटो चालक ने छात्रा को अपनी टीशर्ट दे दी ताकि वह परीक्षा में शामिल हो सके।
- रायगढ़ में सिर्फ डेढ़ घंटे में 40 से अधिक टीशर्ट बिक गईं क्योंकि छात्रों को तत्काल कपड़े बदलने पड़े।
2. एडमिट कार्ड में समय का भ्रम, कई हुए बाहर
बिलासपुर में डीपी विप्र कॉलेज केंद्र पर परीक्षा का प्रवेश समय ही विवाद का कारण बन गया। किसी के एडमिट कार्ड में 10:30 तो किसी में 10:45 लिखा था, लेकिन गेट 10:30 बजे ही बंद कर दिए गए। इससे गुस्साए परीक्षार्थियों ने केंद्र के बाहर जमकर हंगामा किया।
3. प्रशासनिक केंद्रों पर भी विरोध
- राजनांदगांव के खैरागढ़ में वंचित परीक्षार्थी कलेक्टर बंगले के बाहर धरने पर बैठ गए। उन्होंने परीक्षा रद्द करने की मांग की और अफसरों पर मनमानी का आरोप लगाया। मामला बढ़ता देख SDM ने जांच का भरोसा दिया, तब जाकर मामला शांत हुआ।
4. सड़क जाम तक पहुंचा विरोध
कवर्धा के अशोका पब्लिक स्कूल में, 10:30 के बाद आए छात्रों को रोक दिया गया। गुस्से में आकर 17 परीक्षार्थी रायपुर-जबलपुर नेशनल हाईवे पर ही धरने पर बैठ गए और जाम लगा दिया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर उन्हें समझाया तब जाकर स्थिति सामान्य हुई।