सीजी भास्कर, 21 जुलाई |
रायपुर। छत्तीसगढ़ में राजस्व निरीक्षक (RI) भर्ती परीक्षा 2024 एक बार फिर विवादों में आ गई है। RTI के जरिए सामने आई जानकारी ने राज्य की चयन प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जांच कमेटी की रिपोर्ट में 22 चयनितों पर सवाल उठाए गए हैं, जबकि विधानसभा में यह संख्या 13 बताई गई।
लेकिन सबसे बड़ा झटका यह है कि 2600 से अधिक पटवारियों में से कम से कम 72 अभ्यर्थी आपस में ‘रिश्तेदार’ बताए गए हैं – जिनमें से कई ने साफ इंकार किया है कि वे एक-दूसरे को जानते तक नहीं।
मामला कैसे शुरू हुआ?
- 7 जनवरी 2024 को राज्य में RI विभागीय परीक्षा आयोजित की गई।
- 29 फरवरी 2024 को परीक्षा परिणाम घोषित हुए, जिसमें 216 पटवारियों का चयन प्रशिक्षण के लिए हुआ।
- इसके बाद राजस्व पटवारी संघ ने शिकायत की कि परीक्षा में जानबूझकर सिफारिश और ‘परिवारवाद’ के तहत कई लोगों को चयनित किया गया।
- संघ ने मंत्री को ज्ञापन सौंपा, जिसके बाद विभागीय जांच शुरू हुई।
RTI से आया नया खुलासा – रिश्तेदारी या सिर्फ अनुमान?
केस 1: “जिन्हें रिश्तेदार बताया, हम जानते तक नहीं”
नाम: अमित सिन्हा
पद: चयनित अभ्यर्थी
“मुझे लोकनाथ सिन्हा और रविन्द्र कुमार का रिश्तेदार बताया गया है, सिर्फ इसलिए कि हमारे पिता का नाम एक जैसा है और परीक्षा में बैठने की सीट पास थी। जबकि हम न तो जाति से एक हैं, न क्षेत्र से। न जांच कमेटी ने मुझसे बात की, न बयान लिया।”
केस 2: “रोल नंबर पास, बैठने की सीट अलग”
नाम: जितेन्द्र ध्रुव (पटवारी, बिलासपुर)
संबंधित: भाई निमेश ध्रुव (पटवारी, बेमेतरा)
“रोल नंबर पास थे क्योंकि पिता का नाम एक है, लेकिन हम दोनों अलग-अलग लाइन में बैठे थे। इसके बावजूद रिश्तेदारी का शक जाहिर किया गया।”
पुराने OMR शीट फॉर्मेट से बढ़ा शक
परीक्षा में 2018 का पुराना OMR फॉर्मेट इस्तेमाल किया गया जिसमें मोबाइल नंबर भरवाया गया — जो प्रतियोगी परीक्षा की गोपनीयता के मानकों के खिलाफ माना जाता है। हालांकि विभाग का तर्क है कि यह विभागीय पदोन्नति परीक्षा थी, इसलिए जानकारी पहले से रिकॉर्ड में थी।
लेकिन तकनीकी विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसा फॉर्मेट जांच में पक्षपात या पूर्व-स्थापना की संभावनाएं बढ़ा सकता है।
ट्रेनिंग अटकी, अभ्यर्थियों ने EOW को लिखा पत्र
216 में से जिन 13 का अंतिम चयन हुआ है, उनकी ट्रेनिंग अब तक शुरू नहीं हो सकी है। नाराज चयनित पटवारियों ने अब EOW को पत्र लिखकर मांग की है कि:
- जांच जल्द पूरी की जाए
- दोषियों पर कार्रवाई हो
- क्लियर अभ्यर्थियों को प्रशिक्षण दिया जाए
मामला अब EOW/ACB के हवाले
पहले विभागीय जांच, फिर हाईकोर्ट, अब मामला तीसरी बार EOW/ACB को स्वतंत्र जांच के लिए सौंपा गया है। हालांकि परीक्षा पहले ही वैध घोषित हो चुकी है और ट्रेनिंग की अनुमति दी जा चुकी है, पर शासन अब तक ठोस निर्णय नहीं ले पाया।