सीजी भास्कर, 24 अगस्त : भारत का शेयर बाजार (Rural Investment in Stock Market) तेजी से विस्तार कर रहा है। सरकार का दावा है कि कोरोना महामारी से पहले डीमैट और म्यूचुअल फंड खातों की संख्या पांच करोड़ थी, जो अब लगभग 13 करोड़ पहुंच चुकी है। बेशक, इसमें बड़ी भागीदारी शहरी खाताधारकों की है, लेकिन माना जा रहा है कि बाजार का आकार इस ओर बढ़ रहे ग्रामीणों के रुझान को इंगित करता है।
आत्मनिर्भर भारत के लिए सक्षम-समृद्ध और आत्मनिर्भर गांवों के सोच के साथ चल रही मोदी सरकार चाहती है कि (Rural Investment in Stock Market) में ग्रामीण भारत की हिस्सेदारी बढ़े। लेकिन ग्रामीण वित्तीय ज्ञान के अभाव में किसी प्रकार की धोखाधड़ी में न फंसें, इसके लिए पंचायतीराज मंत्रालय, सेबी के साथ मिलकर वित्तीय सारक्षरता अभियान चलाने जा रहा है। इसके तहत पंचायत प्रतिनिधियों को मास्टर ट्रेनर के रूप में तैयार किया जाएगा।
पंचायतों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में जुटे पंचायतीराज मंत्रालय ने ग्रामीणों को सुरक्षित और लाभकारी निवेश के प्रति जागरूक करने के लिए सेबी के साथ अभियान की चरणवार रूपरेखा बनाई है। अभियान के तहत सबसे पहले छह राज्यों में 3,874 मास्टर ट्रेनर का एक नेटवर्क स्थापित किया जाएगा। इनमें सबसे अधिक उत्तर प्रदेश में 1652, महाराष्ट्र में 574, झारखंड में 528, गुजरात में 500, जम्मू और कश्मीर में 504 और त्रिपुरा में 116 प्रशिक्षक तैयार किए जाएंगे। राष्ट्रीय प्रतिभूति बाजार संस्थान (एनआइएसएम) अपने संकाय विकास कार्यक्रम (एफडीपी) के तहत पंचायतीराज संस्थाओं के संस्थानों को प्रशिक्षित करेगा।
सेबी द्वारा सूचीबद्ध प्रशिक्षक और पंचायतीराज संस्थानों के प्रशिक्षित मास्टर ट्रेनर मिलकर जिला और ब्लाक स्तर पर कार्यशालाएं आयोजित करेंगे। राष्ट्रीय वित्तीय शिक्षा केंद्र (एनसीएफई) ग्राम स्तर पर वित्तीय साक्षरता को पहुंचाने की योजना पर काम करेगा। इस तरह ब्लाक और ग्राम स्तर पर निर्वाचित प्रतिनिधि विभिन्न समुदायों में (Rural Investment in Stock Market) के लिए वित्तीय साक्षरता के विश्वसनीय दूत के रूप में काम करेंगे। पायलट राज्यों और मास्टर ट्रेनर नेटवर्क से शुरू होकर यह कार्यक्रम धीरे-धीरे सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों तक पहुंचाने की योजना है।
पंचायतीराज मंत्रालय के पास बड़ा जमीनी नेटवर्क
पंचायतीराज मंत्रालय के पास किसी भी अन्य विभाग या मंत्रालय की तुलना में जमीनी स्तर पर काफी बड़ा नेटवर्क है। राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज संस्थान, 29 राज्यों में ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज संस्थान, 27 राज्य पंचायत संसाधन केंद्र, 441 जिला पंचायत संसाधन केंद्र और 2,000 से अधिक ब्लाक पंचायत संसाधन केंद्र हैं। ग्रामीणों के बीच सक्रिय ढाई लाख ग्राम पंचायतों के प्रतिनिधि हैं, जो (Rural Investment in Stock Market) की जानकारी को सीधे आम लोगों तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाएंगे।